अल्मोड़ा। ऐसी परिस्थितियों में जब पूरा देश एकजुट होकर कोरोनो से लड़ रहा है। लोग गरीबों की मदद और राष्ट्र हित में काम कर रहे हैं कुछ लोग ऐसी विषम परिस्थितियों में भी अपनी राजनीति सेकने से बाज़ नहीं आ रहे हैं। मामला है शहर से ही लगे हुए ग्राम शैल जहाँ बार बार आह्वान के बाद ग्राम सभा शैल के जनप्रतिनिधियों की नींद तो खुली गाँव मे दवाई के छिड़काव का कार्यक्रम भी शुरू हुआ दवाई छिड़कनी शुरू हुई फोटोशूट हुए सोशल मीडिया में भी दस्तक दी गई लेकिन बड़े ही खेद का विषय रहा कि चार घरों के आस पास छिड़काव करने पर ही इस कार्यक्रम का समापन भी हो गया।
अब सोचनीय विषय यह है कि क्या सरकार से ही चुनिंदा घरों के लिये छिड़काव की सामग्री आयी या सिर्फ बराए नाम छिड़काव का कार्यक्रम किया गया। या कहें कि छिड़काव की कागज़ी कारवाही पूरी हो गई?
इस घटना के बाद से ग्रामीणों में ख़ासा रोष व्याप्त है लाज़मी सी बात है आखिर सरकार से मिलने वाली दवा के छिड़काव में भी यदि जनप्रतिनिधि पक्षपात करें या निम्न दर्ज़े की राजनीति करें तो आम जनता इसका विरोध तो करेगी ही खासकर जबकि सम्पूर्ण मानव जाति पर वैश्विक संकट गहराया हो!