अहमदाबाद-आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अहमदाबाद गुजरात में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय का भवन राष्ट्र को समर्पित किया।इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में छात्रों को डिग्री भी प्रदान की।प्रधानमंत्री ने नीलेश आनन्द भरणे डी आई जी को पीएचडी अवार्ड से सम्मानित किया।उन्हें यह अवार्ड Comparative study of lie detection techniques in crime cases विषय पर शोध हेतु दिया गया।इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह,गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल उपस्थित रहे।नीलेश आनन्द भरणे 2005 बैच के उत्तराखण्ड कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं।Foreinsic Psychology में पीएचडी करने वाले देश के पहले आईपीएस अधिकारी हैं। इनके द्वारा नागपुर यूनिवर्सिटी से साईक्लोजी काउन्सलिंग में डिप्लोमा और साईक्लोजी में एम०ए०,एम०फिल भी किया गया है।
श्री अशोक कुमार आई पी एस,डी जीपी ने इस उपलब्धी के लिए नीलेश आनन्द भरणे को बधाई दी है।उन्होंने कहा कि उनके इस शोध का उपयोग पुलिसिंग के कार्यों में किया जाएगा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की छवि बदलने की जरूरत पर बल दिया।उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान पुलिस कर्मियों द्वारा किए गए मानवीय कार्यों के बारे में चर्चा की।उन्होंने कहा स्वतंत्रता के बाद देश के सुरक्षा तंत्र में सुधार की आवश्यकता थी।एक धारणा विकसित की गई थी कि हमें वर्दीधारी कर्मियों से सावधान रहना होगा।लेकिन अब यह बदल गया है।जब लोग अब वर्दीधारी कर्मियों को देखते हैं तो उन्हें मदद का आश्वासन मिलता है।उन्होने पुलिस कर्मियों के लिए नौकरी के तनाव से निपटने में संयुक्त परिवार के घटते समर्थन के बारे में भी चर्चा की।उन्होंने बलों में योग विशेषज्ञों सहित तनाव से निपटने के लिए विशेषज्ञों और विश्राम की आवश्यकता पर जोर दिया।उन्होंने कहा देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए तनाव मुक्त प्रशिक्षण गतिविधियां समय की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) की स्थापना पुलिस,अपराध संबंधी न्याय और सुधारात्मक प्रशासन के विभिन्न अंगों में उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षित मानव शक्ति की आवश्यकता को पूरा करने के लिए की गई थी।रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय को अपग्रेड करके राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय नाम से एक राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय की वर्ष 2010 में स्थापना की गई।यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है।अक्टूबर 2020 से इसका संचालन शुरू किया गया।यह विश्वविद्यालय उद्योग से ज्ञान और संसाधनों का लाभ उठाकर निजी क्षेत्र के साथ तालमेल विकसित करेगा तथा पुलिस एवं सुरक्षा से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता केंद्र भी स्थापित करेगा।राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) पुलिस विज्ञान और प्रबंधन,आपराधिक कानून और न्याय, साइबर मनोविज्ञान,सूचना प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सुरक्षा,अपराध जांच,रणनीतिक भाषाओं,आंतरिक रक्षा और रणनीति, शारीरिक शिक्षा और खेल,तटीय और समुद्री सुरक्षा जैसे पुलिस और आंतरिक सुरक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में डिप्लोमा से डॉक्टरेट स्तर तक शैक्षणिक पाठ्यक्रम प्रस्तुत करता है। वर्तमान में इन कार्यक्रमों में 18 राज्यों के 822 छात्र नामांकित हैं।