‘मोहन उप्रेती लोक संस्कृति कला एवं विज्ञान शोध समिति’ के तत्वावधान में चल रहे सात दिवसीय ‘रचना दिवस महोत्सव’ के छठे दिन की शाम शास्त्रीय संगीत के कलाकारों के नाम रही।
प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीत के अध्येता पंडित ध्रुवतारा जोशी की स्मृति में आयोजित शास्त्रीय संगीत का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिधि के रूप में उपस्थित पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, विशिष्ट अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी, अतिथि प्रो• सुशील जोशी और भातखण्डे की भरतनाट्यम प्रवक्ता पूजा अण्डोला ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
कार्यक्रम में “समिति सम्मान” से शास्त्रीय संगीत के वरिष्ठ गुरू पंडित हरीश चन्द्र पंत, “युवा प्रतिभा सम्मान” से प्रसिद्ध भरतनाट्यम की नृत्यांगना डा• खिलेश्लरी पटेल और “कला साधक सम्मान” से पखावज वादक मनोज सोलंकी व वरिष्ठ कलाकार धीरेन्द्र पाण्डेय को सम्मानित किया गया। वहीं बाल कलाकार बांसुरी वादक प्रखर जोशी को “बाल प्रतिभा सम्मान” से सम्मानित किया गया।
सभी सम्मानित कलाकारों को मुख्य अतिथि व विशिष्ठ अतिथि ने शाल, सम्मान चिन्ह, स्मृति चिन्ह, पुष्पगुच्छ व संस्था की प्रकाशित पुस्तकें देकर सम्मानित किया।
हल्द्वानी के बाल कलाकार प्रखर जोशी ने सुन्दर बासुरी वादन किया। प्रखर जोशी भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के छात्रवृत्ति धारक हैं। पुणे महाराष्ट्र से आए युवा पखावज वादक मनोज सोलंकी ने पखावज पर कई बंदिशें प्रस्तुत की। छत्तीसगढ मूल की भरतनाट्यम की कलाकार डा• खिलेश्वरी पटेल असिस्टेंट प्रोफेसर बनारस विश्वविद्यालय ने सुन्दर नृत्य प्रस्तुति से सभी के मन मोह लिया। पिथौरागढ के बाल कलाकार अभिषेक जोशी ने एकल तबला वादन की प्रस्तुति दी।
मुख्य अतिथि रघुनाथ सिंह चौहान ने कहा कि मोहन उप्रेती जी योगदान को भुलाया नहीं जा सकता उनके द्वारा उस समय में किये गये प्रयासों का ही प्रतिफल है कि हमारी संस्कृति पूरे विश्व में अपना विशिष्ट स्थान रखती है।
प्रकाश जोशी ने शास्त्रीय संगीतकार पंडित ध्रुवतारा जोशी को श्रद्धा-सुमन अर्पित किये, संस्था के द्वारा शास्त्रीय संगीत के प्रचार-प्रसार में किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। अतिथि प्रो• सुशील जोशी और भरतनाट्यम की प्रवक्ता पूजा अण्डोला ने मोहन उप्रेती को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।
कार्यक्रम का संचालन लेखिका संपादिका मीना पाण्डेय द्वारा किया गया।

देर रात तक चले कार्यक्रम मे दिनेश पांडे वेध जी, कमल पांडे, लोक गायक दीवान कनवाल, समाजसेवी कैलाश पाण्डेय, नेहा पंत, ममता कोहली , श्वेता सिंह, नमिता टम्टा आदि संगीत रसिक मौजुद थे।