2 अप्रैल को विश्व स्वलीनता दिवस मनाया जाता है
स्वलीनता ( ऑटिज़म) एक ऐसे बच्चों का समूह है जिनकी अपनी अलग ही दुनिया होती हैं. जो आपने आप म ही खोये रहते हैं,
जिनको आपने आस पास होने वाले सामाजिक , व्यावहारिक परिवर्तनों से कोई सम्बंध नहीं होता. ब्लू रंग को ऑटिज़म का प्रतीक रंग माना गया है..
जनम के कुछ समय बाद बच्चों म होने वाले व्यावहारिक परिवर्तनों को अगर परिवार वाले समझ जाए तो इन बच्चों को हम एक सामान्य विचारधारा में ला सकते है

परिवार वाले अगर ये देखे कि उनका बच्चा एक बार में बुलाने पर नहीं आ रहा है या कोई उत्तर नहीं दे रहा है,
उसका आइ कांटैक्ट कम है या नहीं है,,
वो ज़ायद समय अलग ही खेलना पसंद करता है, घर म होने वाले कार्यक्रम में उसको कोई रुचि नहीं है, शब्दों को बोलने में कोई रुचि नहीं लेता है, घर में भागता रहता है, तो ऐसे माता पिता को तुरंत ही पीडीऐट्रिक से मिलके आपने बच्चे कि बारे में विचार विमर्श करना चाहिए,

स्वलीनता वाले बच्चों को विभिन्न थेरपीयो द्वारा सामान्य विचारधारा से जोड़ा जा सकता है जिसने ऑक्युपेशनल थेरपी
स्पीच थेरपी स्पेशल एजुकेशन अप्लाइड बेहबीयोर अनलयसिस बिहेव्यर मॉडिफ़िकेशन

क्लिनिकल सायकॉलिजस्ट के द्वारा इन बचो की बुधिमत्ता का विश्लेषण किया जाता है,
अगर सही समय पर २-३ साल में अगर इनके उपचार और थेरपी से कार्य किया जाए तो इन बच्चों को एक सामान्य जीवन शैली के अनुरूप ढाला जा सकता है..