भारत रत्न प. गोविन्द बल्लभ पंत जी के 133वें जन्मदिवस एवं गो. ब. पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी-कटारमल, अल्मोङा के स्थापना दिवस समारोह का शुभारम्भ माननीय सांसद अजय टम्टा जी ने प. गोविन्द बल्लभ पंत जी की मूर्ति पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन द्वारा किया गया। इस अवसर पर प. गोविन्द बल्लभ पंत स्मारक व्याख्यान के वक्त एवं कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो. तेज प्रताप, कुलपति गो. ब. पं. कृषि एवं प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर एवं संस्थान के निदेशक उपस्थित थे। इस कार्यक्रम को वेबिनार के माध्यम से कार्यक्रम के सम्मानित अतिथि श्री आर. पी. गुप्ता, सचिव, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. एकलव्य शर्मा, उप महानिदेशक इसिमोड, काठमांडू, श्री ए. के. नौटियाल, संयुक्त सचिव, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, प्रो. एस. पी. सिंह, पूर्व कुलपति, हे. न. ब. गढवाल विश्वविद्यालय तथा प्रो. ए. एन. पुरोहित, पूर्व निदेशक, गो. ब. राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, ने भी शिरकत की।
कार्यक्रम के आरम्भ में संस्थान के निदेशक डॉ. आर. एस. रावल ने सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए संस्थान की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। उन्होनें कहा कि विगत वर्षों में संस्थान नें जैव विविधता संरक्षण, सामाजिक एवं आर्थिक विकास, जलवायु परिवर्तन तथा जल जमीन संसाधनों के प्रबंधन के क्षेत्र में समन्वित प्रयास किये है। संस्थान ने विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं जैसे हिमालयी क्षेत्र के लोगों की आजीविका वर्धन, जैव विविधता संरक्षण, चीड की पत्तियों से विभिन्न सामग्रियों का निर्माण, औषधीय पादपों के उत्पादन के तरीकों को जनमानस तक पहुंचाना तथा पानी के स्रोतों के संरक्षण इत्यादि को धरातल पर उतारने हेतु प्रयासरत है। उन्होनें कोविड -19 की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए इस बार के वार्षिकोत्सव में सभी आमंत्रित गणमान्यों तथा अन्य आमंत्रितों को वर्चुअल मीडिया (यू-टयूब तथा वीडियो कॉन्फेंसिंग) के माध्यम से समारोह से जुङने का अनुरोध किया। उन्होनें बताया कि इस अवसर पर संस्थान के विभिन्न क्षेत्रीय केन्द्रों में भी क्रमशः गढवाल क्षेत्रीय केन्द्र में प्रो. अरूण कुमार, प्रोफेसर भारतीय प्रौद्यौगिकी संस्थान, रूङकी, हिमांचल क्षेत्रीय केन्द्र में प्रो. कुलदीप चन्द्र अग्निहोत्री, कुलपति हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय, सिक्किम क्षेत्रीय केन्द्र में प्रो. परमेन्द्र प्रसाद डबराल, डीन केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय सिक्किम, ईटानगर क्षेत्रीय केन्द्र में डॉ. अशोक भट्टाचार्य, कुलपति असम कृषि विश्वविद्यालय तथा लद्दाख क्षेत्रीय केन्द्र में श्री सी, फुनसांग, कुलपति लद्दाख विश्वविद्यालय द्वारा आज लोकप्रिय व्याख्यान माला का आयोजन किया जा रहा है।
संस्थान के 26वें प. गोविन्द बल्लभ पंत स्मारक व्याख्यान में गो. ब. पं. कृषि एवं प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर, के कुलपति प्रो. तेज प्रताप द्वारा “हिमालयी कृषि अर्थतंत्र का भविष्य” ने हिमालयी क्षेत्रों की कृषि अर्थतंत्र की दयनीय दशा पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि अकेले उत्तराखण्ड में 80 प्रतिशत भू- क्षेत्र पर्वतीय है जो अब पलायन के कारण लगभग बंजर हो चुका है। अतः कृषि अर्थतंत्र को पुर्नजीवित करने हेतु तकनीकी ज्ञान के व्यापक प्रयोग, मूलभूत सुविधाऐं एवं कृषकों के उत्साहवर्धन की नितान्त आवश्यकता है। उन्होने कहा कि इस दिशा में शिक्षित नई पीढी द्वारा अभिनव प्रयास किये जा रहे है जिन्हें प्रोत्साहित करके पर्वतीय परंपरागत खेती को नई शोध एवं तकनीकी की सहायता से आगे बढाने की आवश्यकता है।
अपने अध्यक्षीय भाषण में माननीय सांसद एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री अजय टम्टा जी ने संस्थान द्वारा चलाये जा रहे आजीविका वर्धन में सहायक तथा शोध कार्यों की प्रशंसा की तथा कहा कि पं. पन्त द्वारा देश, समाज व मानव कल्याण के लिए किये गये कार्यों को हमें आत्मसात करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री आर. पी. गुप्ता, सचिव, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, ने संस्थान को उसके विकासात्मक कार्यों हेतु अग्रिम शुभकामनाऐं प्रेषित की और भविष्य में भी इसके सकारात्मक परिणामों की उम्मीद जताई। प्रो. ए. एन. पुरोहित ने कहा कि संस्थान क्षेत्रीय एवं राष्ट्र की उपेक्षाओं के अनुरूप आगे बढ रहा है। डॉ. एकलव्य शर्मा ने कहा कि संस्थान ने अपने 32 वर्षों के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियॉ हासिल की है और भविष्य में भी इसके सकारात्मक परिणामों की उम्मीद की। प्रो. एस. पी. सिंह ने भी संस्थान द्वारा चलाई जा रही अनूठी पहलों की सराहना की एवं हिमालयी क्षेत्र के समन्वित विकास हेतु माउंटेन अकादमी की स्थापना की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं शोधार्थियों समेत लगभग 50 प्रतिभागियों नें प्रतिभाग किया। अन्त में गणमान्य अतिथियों द्वारा संस्थान के प्रकाशनों का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. वसुधा अग्निहोत्री तथा समापन संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जे. सी. कुनियाल के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। कार्यक्रम के दौरान कोविड – 19 के मध्येनजर सामाजिक दूरी एवं मास्क का प्रयोग सुनिश्चित किया गया।