वर्तमान जिलाधिकारी एवम आयुक्त ने दिए समिति को दिए सकारात्मक संदेश

अल्मोड़ा पालिका अध्यक्ष प्रकाश जोशी ने मल्ला महल और नवीन कलेक्ट्रेट तक जनता को सुविधा प्रदान करने को लेकर एक प्रेस वार्ता में कहा की सरकार द्वारा अल्मोडा नगर स्थित पुराने कलक्ट्रेट परिसर को जिसे मल्ला महल के नाम से जाना जाता है, वहाँ पर स्थित कलक्ट्रेट को तथा कोषागार उपजिलाधिकारी कार्यालय, तहसील कार्यालय आदि को पाण्डेखोला नवीन कलक्ट्रेट भवन में स्थानान्तरित कर दिया गया है। शासन / प्रशासन के द्वारा की गयी इस कार्यवाही से जनता को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। यद्यपि पूर्व में हमारे द्वारा शासन की इस मनमानी का विरोध भी किया गया था, लेकिन तत्कालीन अधिकारियों के द्वारा इस पर कोई विचार नहीं किया गया। आज जनता को नवीन कलक्ट्रेट जाने तक धन तथा समय का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

  1. इसलिए हमारी यह मांग है कि अब जनता को होने वाली परेशानियों का समाधान करने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर अल्मोड़ा नगर से नवीन कलक्ट्रेट भवन तक जाने के लिए यातायात को सुगम बनाया जाय तथा अल्मोड़ा-बागेश्वर मोटर मार्ग के नवीन कलक्ट्रेट को जाने वाले मार्ग का डामरीकरण तथा चौड़ीकरण का कार्य कराया जाये।

 

  • यातायात को सुगम बनाने के लिए अधिक से अधिक वाहनों को नवीन कलक्ट्रेट तक जाने के लिए पर्याप्त वाहनों की व्यवस्था अपेक्षित है ताकि आम जनता को सुविधा हो सके।

 

  • इसके अतिरिक्त अल्मोड़ा नगर से नवीन कलक्ट्रेट भवन तक जाने के लिए रोपवे (रज्जुमार्ग) स्थापित किये जाने पर विचार किया जाये।
  • मल्ला महल के संरक्षण कार्य में हो रही अनियमितताओं के सम्बन्ध में नवम्बर 2020 से लगातार सांस्कृतिक ऐतिहासिक धरोहर बचाओ संघर्ष समिति अल्मोडा द्वारा प्रबुद्ध नागरिकों सामाजिक संगठनों आदि के द्वारा संघर्ष किया जाता रहा है और इस सम्बन्ध में जिला प्रशासन, उत्तराखण्ड सरकार एवं केन्द्र सरकार तक लगातार पत्र व्यवहार किया जाता रहा है। मा० प्रधानमंत्री जी के कार्यालय से मुख्य सचिव उत्तराखण्ड सरकार को दिनांक 24-11-2020 को निर्देश दिये गये थे कि इस सम्बन्ध में उपयुक्त कदम उठाये जायें। मुख्य सचिव के द्वारा संचिव संस्कृति विभाग उत्तराखण्ड शासन को भी निर्देशित किया गया था कि सम्बन्धित विषय पर नियमानुसार कार्यवाही करें लेकिन इसके बाबजूद भी मल्ला महत के संरक्षण कार्य में अनियमितताएं जारी रही तथा अवैज्ञानिक रूप से बिना किसी विशेषज्ञ के निर्देशन में कार्य होता रहा। संस्कृति विभाग की ओर से भी इस सम्बन्ध में क्या कार्यवाही की गयी अद्यतन समिति को नहीं दी गयी है।

 

  • यद्यपि जिलाधिकारी वंदना सिंह जी के आने के बाद से वहाँ की व्यवस्थाओं में परिवर्तन देखने को मिला है लेकिन मल्ला महल को किस तरह भव्य रूप दिया जायेगा और अल्मोड़ा तथा इस पर्वतीय क्षेत्र के अतीत के इतिहास को संरक्षित किया जायेगा एवं वहाँ की व्यवस्थाओं को किस प्रकार सुनिश्चित किया जायेगा इसकी जानकारी किसी को भी नहीं है। अब तक इस ऐतिहासिक विरासत के सम्बन्ध में किये जा रहे कार्य से निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को न तो विश्वास में लिया गया है तथा ना ही आम जनता को इसकी कोई जानकारी है। हमारी मांग है कि जो भी रूपरेखा इस मल्ला महल के संरक्षण एवं उसे भव्य रूप दिये जाने की हो उस योजना को सार्वजनिक किया जाये।

 

  • हमें खुशी है कि श्री दीपक रावत जी. आयुक्त कुमक मण्डल नैनीताल द्वारा दिनांक 26 मई 2022 को मल्ला महल के कार्य का निरीक्षण किया गया और उन्होंने भी विषय विशेषज्ञों की देखरेख में संरक्षण कार्य किये जाने के निर्देश दिये हैं तथा विषय विशेषज्ञ के निर्देशन में संरक्षण कार्य न किये जाने पर नाराजगी व्यक्त की है। इसी तथ्य को लागू करने के लिए ही सांस्कृतिक ऐतिहासिक धरोहर बचाओ संघर्ष समिति संघर्षरत रही है। हमारी मांग है कि मल्ला महल के सरक्षण कार्य में जो भी अनियमितताएं रही है उनकी पुरातत्वविदों के द्वारा जॉच करायी जाये।

 

  • अल्मोड़ा नगर को सुव्यवस्थित पर्यटन नगरी के रूप में विकसित कराये जाने के लिए पूरे नगर को तथा आस-पास के क्षेत्रों को सीवर योजना से आच्छादित कराया जाये तथा उसके लिए यहाँ की भौगोलिक संरचना के आधार पर एस०टी०पी० (सीवर ट्रीटमेन्ट प्रोजेक्ट) अलग-अलग स्थानों पर लगाया जाये। पूर्व में ए०डी०वी० परियोजना के तहत उक्त प्रस्ताव विचाराधीन था। वर्तमान में जायका परियोजना के तहत इस अति महत्वपूर्ण कार्य को कराया जा सकता है।

 

  • नगर पालिका अधिनियम 1916 के तहत नगर क्षेत्र में भवन मानचित्र स्वीकृत करने का अधिकार नगर पालिका से छीन लिया गया है। नगर क्षेत्र के भवन मानचित्र स्वीकृत करने का अधिकार फिर से नगर पालिका को वापस दिया जाये, ताकि नगर में अवैधानिक भवन निर्माण तथा अतिक्रमण को रोका जा सके व पालिका की आय में वृद्धि हो सके। साथ ही पालिका द्वारा स्वीकृत भवन मानचित्र की पत्रावलियों जो पालिका की सम्पत्ति है तथा जबरदस्ती अपहरण की गयी हैं उन्हें पालिका को वापस किया जाय। क्योंकि वे जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण के गठन से पूर्व की हैं। भवन स्वामियों को अपने भवन मानचित्रों की नकल की आवश्यकता होने पर वे पालिका से सम्पर्क करते रहे हैं तथा उनसे पालिका की आय भी प्रभावित हो रही हैं।