पूर्व दर्जा राज्य मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजा गया है। कर्नाटक ने ज्ञापन में कहा है की पूर्व में अधोहस्ताक्षरी के ज्ञापन दिनांक 19.06.20 तथा 17.07.20 का अवलोकन करने की कृपा करें, जिस पर कोई कार्यवाही न होने के परिणामस्वरूप विवश होकर स्थानीय नागरिकों के साथ मुझे दिनांक 27.07.20 को लोअर माल रोड में चक्का जाम जैसी कार्यवाही के लिये बाध्य होना पडा । जिला प्रशासन द्वारा चक्का जाम खुलवाये जाने के लिये ज्ञापन प्राप्त करते हुये आश्वासन दिया गया था कि सड़कों की मरम्मत का कार्य पन्द्रह दिन के भीतर कर दिया जायेगा किन्तु आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
कर्नाटक ने कहा कि मुख्यतः क्वारब-अल्मोडा, अल्मोड़ा-कोसी-रानीखेत मोटर मार्ग, अल्मोड़ा-घाट,अल्मोडा की आन्तरिक सड़कें जिनमें रानीधारा मोटर मार्ग,अल्मोड़ा-कसारदेबी-कपड़खान मोटरमार्ग,एल.आर.साह रोड,अल्मोड़ा शैल रोड,जी.जी.आई.सी एवं गैस गोदाम लिंक मार्ग आदि अल्मोड़ा जनपद में राष्ट्रीय राजमार्ग / लोक निर्माण विभाग (जिनमें प्रान्तीय खण्ड व निर्माण खण्ड) के अधीन अधिकांश सड़कों की स्थिति आज भयावह है ,सड़क के बीचो बीच में काफी बड़े गड्ढे पड चुके हैं,नालियां बन्द हैं तथा सड़क के किनारे भयानक झाड़ियां उग आयी हैं । सड़क के क्षतिग्रस्त होने से आये दिन दुर्घटनायें हो रही हैं तथा गाड़ियों को व उनमें बैठे हुये मरीजों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।
अल्मोड़ा विधान सभा की समस्त सड़कें या तो क्षतिग्रस्त हैं या उनकी ऊपरी सतह का डामर पूरी तरह उखड़ चुका है । सम्बन्धित विभागों के ऐसे निरंकुश अधिकारी आज पद पर विराजमान हैं जो जन समस्याओं को जानबूझ कर अनदेखा कर रहे हैं । मोटर मार्गो में सुधारीकरण/मरम्मत के नाम पर
विभाग द्वारा खानापूर्ति के लिये सडकों के गडढों में मिट्टी डाल कर पाटा जा रहा है ताकि आम जनता को आसानी से गुमराह किया जा सके,साथ ही सडकों के किनारों की भयावह झाड़ियों में आये दिन छिपे हुये तेंदुवे देखे जा रहे हैं । सम्बन्धित मार्गो के अधिकारियों द्वारा उक्त मार्गो का न तो निरीक्षण किया गया और न ही इस सम्बन्ध में कोई ठोस कार्ययोजना बनाकर कार्य प्रारम्भ करवाया गया ।
पुनः इस ज्ञापन के माध्यम से अनुरोध करना है कि यदि दिनांक 21.08.2020 तक उपरोक्त सड़कों के सुधारीकरण/मरम्मत का कार्य प्रारम्भ नहीं होता है तो स्थानीय नागरिकों के साथ मुझे पुनः लम्बे चक्का जाम जैसे आन्दोलनात्क कार्यवाही के लिये बाध्य होना पडेगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन/विभाग व सरकार की होगी । सूच्य है कि चक्का जाम जैसी आन्दोलनात्मक कार्यवाही से आम जनमानस,बीमार व्यक्तियों,आवश्यक सेवा वाले वाहनों को काफी कठिनाई होती है किन्तु इसके लिये सम्बन्धित विभाग एवं सरकार द्वारा हम आम स्थानीय नागरिकों को इस कार्यवाही के लिये बाध्य किया जा रहा है ।