सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय में लक्ष्मी देवी टम्टा शोध एवं अध्ययन केंद्र द्वारा महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती 11 अप्रैल,2022 के शुभ अवसर पर ‘ महात्मा ज्योतिबा फुले के विचारों की वर्तमान समय में प्रासंगिकता विषय पर विचार गोष्ठी का उद्घाटन संरक्षक प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी (कुलपति, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय), मुख्य अतिथि अजय टम्टा (माननीय सांसद), मुख्य वक्ता श्रीमती गीता उपाध्याय (महिला कल्याण संस्था), संरक्षक प्रो भीमा मनराल ( संकायाध्यक्ष/विभागाध्यक्ष, शिक्षा संकाय), कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. प्रवीण सिंह बिष्ट (अधिष्ठाता प्रशासन), विशिष्ट अतिथि प्रो. शेखर चन्द्र जोशी (अधिष्ठाता अकादेमी), प्रो.इला साह (अधिष्ठाता छात्र कल्याण), डॉ मुकेश सामंत (कुलानुशासक) कार्यक्रम समन्वयक डॉ.संगीता पवार, डॉ. नीलम ने दीप प्रज्ज्वलित कर ज्योतिबा फुले, श्रीमती लक्ष्मी देवी जी के चित्रों पर पुष्पार्पण किया।
विभाग के शिक्षकों एवं छात्रों ने ‘वंदना है माँ सरस्वती’ सरस्वती वन्दना एवं स्वागत गीत का गायन किया।
इससे पूर्व अतिथियों ने विभाग में स्थापित श्रीमती लक्ष्मी देवी टम्टा शोध एवं अध्ययन केंद्र का शुभारंभ कर आजादी के अमृत महोत्सव के तहत लगाई गई प्रदर्शनी, अध्ययन केंद्र का अवलोकन कर शुभारंभ किया।
कार्यक्रम के संरक्षक प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी (कुलपति, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय) ने विश्वविद्यालय की संरचना एवं उसके विकास पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय ने बहुत कम समय में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना ली है। उन्होंने माननीय सांसद अजय टम्टा के समक्ष विश्वविद्यालय की आवश्यकताओं एवं अपेक्षाओं को जाहिर किया। और कहा कि इस विश्वविद्यालय के प्रशासनिक संरचना, व्यवस्थाओं और विकास पक्ष पर भी तीव्रता से कार्य किया जा रहा है। तीनों परिसरों के लिए कई योजनाओं के लिए हम प्रयास कर रहे हैं। ज्योतिबा फुले जी की जयंती अवसर पर अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि शिक्षा संकाय में श्रीमती लक्ष्मी देवी टम्टा शोध एवं अध्ययन केंद्र की स्थापना की गई है। इसके माध्यम से महिलाओं के उन्नयन के लिए प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने फुले जी की जयंती अवसर पर कहा कि फुले जी एवं लक्ष्मी देवी जी का समाजसेवा, महिलाओं के लिए योगदान रहा है। अध्ययन केंद्र के माध्यम से सर्टिफिकेट आदि पाठ्यक्रमों के संचालन किया जाएगा। कुलपति प्रो भंडारी ने कहा कि विश्वविद्यालय के उन्नयन के लिए यहां के शिक्षकों और कार्मिकों का योगदान काफी है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोकसभा सांसद माननीय अजय टम्टा ने एसएसजेविश्वविद्यालय की समस्याओं का समाधान करने एवं केंद्र सरकार के समक्ष उठाकर पूर्ण रूप से विकसित करने का आश्वासन दिया। उन्होंने ज्योतिबा फुके जयंती अवसर पर ज्योतिबा फुले एवं श्रीमती लक्ष्मी देवी टम्टा के योगदान को स्मरण किया। सांसद टम्टा जी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हम लगातार कार्य कर रहे हैं। रूसा के माध्यम से महाविद्यालयों में संसाधन लेकर आये हैं। इस विश्वविद्यालय में शिक्षा को बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा।उन्होंने शिक्षा संकाय की प्रो भीमा मनराल एवं शिक्षा संकाय के सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की प्रसंशा की। उन्होंने कहा कि शिक्षा संकाय की समस्याओं का निदान किया जाएगा।
कार्यक्रम की संरक्षक एवं संकाय की संकायाध्यक्ष प्रो भीमा मनराल ने सभी अतिथियों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि आज का दिन गौरवान्वित करने वाला है। शिक्षा संकाय में शैक्षिक कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। ज्योतिबा फुले के कार्यों से सीख लेनी चाहिए। हमें व्यवहारिक ज्ञान लेने की आवश्यकता है।
मुख्य वक्ता गीता उपाध्याय (महिला कल्याण संस्था) ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कार्य करने की बात कही। उन्होंने कहा कि महिलाएं आत्मनिर्भर बनें। अपने पर भरोसा कर देश के विकास में सहभागी बनें। आजादी, समाज के विकास , लैंगिक समानता आदि बिंदूओं पर विस्तार से व्याख्यान दिया।

इस अवसर पर संकाय में स्थापित लक्ष्मी देवी टम्टा, शोध एवं अध्य्यन केंद्र के उद्दश्यों पर केंद्रित प्रेजेंटेशन दिया गया।
इस विचार गोष्ठी का संचालन विभाग की वरिष्ठ शिक्षक डॉ. संगीता पवार ने एवं आभार डॉ. नीलम ने जताया।

विचार गोष्ठी में डॉ.रिजवाना सिद्धिकी,डॉ भाष्कर चौधरी, डॉ ममता असवाल, डॉ.संदीप पांडे, डॉ. मनोज कुमार आर्या, डॉ अंकिता, डॉ.ललिता रावल, डॉ ममता काण्डपाल, डॉ.सरोज जोशी,डॉ.देवेंद्र चम्याल,डॉ बलवंत कुमार आर्या (विभागाध्यक्ष, वनस्पति), डॉ धनी आर्य, डॉ.ललित जोशी (विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी), दिनेश पटेल, चंदन लाल टम्टा, पंकज जोशी, दर्शन रावत शिक्षकों सहित बीएड एवं एमएड के सैकड़ों विद्यार्थी, संकाय के समस्त कर्मी मौजूद रहे।