यदि व्यक्ति में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो उसके लिए पद और पैसा कोई मायने नहीं रखता। ऐसा ही कुछ करने का जज्बा दिखाया है परिचारक पद से सेवानिवृत्त हो चुके जनार्दन तिवाडी ने। उन्होंने राजकीय इण्टर कालेज कुलसीबी के मुख्य गेट का निर्माण अपनी निजी धनराशि से करवाया है। गौरतलब है कि जनार्दन तिवाडी राइका कुलसीबी से पूर्व में परिचारक के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। विद्यालय के प्रति उनका लगाव और कुछ करने की चाह के कारण अल्प पेंशन भोगी होने के बावजूद भी उन्होंने विद्यालय के मुख्य गेट का निर्माण करवाया। नवनिर्मित गेट का लोकार्पण जनार्दन तिवाडी और उनकी पत्नी द्वारा किया गया। विद्यालय परिवार ने उन्हें तथा उनकी पत्नी को फूलमालाऐं तथा साल भेंट कर उनका सम्मान किया। स्थानीय लोगों तथा विद्यालय परिवार ने उनके इस कार्य की प्रशंसा की और समाज हेतु इसे अनुकरणीय माना।