कोरोना संक्रमण के बढ़ने और खतरे में पड़ती कोरोना संक्रमितों की जिंदगी पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए जन अधिकार मंच अल्मोड़ा ने इस स्थिति को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है कि बेस अस्पताल अल्मोड़ा में खरीदे गए 34 वेंटीलेटरों का इस कठिन दौर में भी संचालन नहीं हो पा रहा है। मंच ने इनके इस्तेमाल के लिए संबंधित चिकित्साधिकारी व टैक्निशयन भेजे जाने की पुरजोर मांग की है। मंच ने प्रधानमंत्री को संबोधित इस मांग का ज्ञापन आज जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया को सौंपा।
मंच ने प्रधानमंत्री को भेजे ज्ञापन में जन अधिकार मंच के पदाधिकारियों ने कहा है कि पूरा देश कोरोना महामारी का सामना कर रहा है। ऐसे में लोगों की अमूल्य जिंदगी बचाने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के जरूरत संसाधन नितांत जरूरी हैं। अवगत कराया है कि बेस अस्पताल अल्मोड़ा में प्रधानमंत्री राहत कोष के धन से 34 वेंटीलेटर खरीदे गए हैं, मगर दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि संबंधित डाक्टर और टैक्नीशियन नहीं होने से इन वेंटीलेटरों का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए लिखा है कि इस स्थिति के लिए राज्य सरकार व जनप्रतिनिधि जिम्मेदार हैं। जो लंबे समय बाद भी वेंटीलेटरों का इस्तेमाल हो, ऐसी व्यवस्था नहीं कर पाए। ज्ञापन में कहा है कि कोरोना संक्रमण की द्वितीय लहर में सबसे अधिक सांस लेने की दिक्कत हो रही है, ऐसे में वेंटीलेटर की नितांत जरूरत है। मंच ने कहा कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति ये है कि जिले में बेस अस्पताल अल्मोड़ा ऐसा है, जहां कोरोना संक्रमितों को भर्ती किया जा रहा है, लेकिन जरूरत के बाद भी अस्पताल में 34 वेंटीलेटर महज शो-पीस बने हैं, जबकि इनका उपयोग जिंदगी बचाने में किया जा सकता है।
ज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया गया है कि हालातों को देखते हुए तत्काल उत्तराखंड सरकार को निर्देश दिए जाएं कि बेस अस्पताल अल्मोड़ा में वेंटीलेटरों के संचालन के लिए संबंधित डाक्टरों व टैक्निशियनों की नियुक्ति की जाए। ज्ञापन भेजने वालों में मंच के मनोज सनवाल, त्रिलोचन जोशी, गोपाल खोलिया, पूर्व दर्जा मंत्री केवल सती, अख्तर हुसैन, नूर अकरम, पंकज वर्मा आदि शामिल हैं।