अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ एजुकेशन एवं इंस्टीट्यूट आफ एडवांस्ड स्टडीज इन एजुकेशन की ओर से जारी वेबिनार में संविधान प्रदत्त महिला अधिकारों पर संदर्भदाताओं ने गहन विमर्श किया। जिसमें मातृत्व अधिकार, कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार पर विस्तार पूर्वक परिचर्चा हुईं।

वेबिनार में रविवार को प्रसिद्ध गायनेकोलॉजिस्ट डॉ मनीषा पांडे ने महिलाओं को भारतीय की ओर से संविधान में दिए गए समान वेतन का अधिकार, ऑफिस में हुए उत्पीड़न के खिलाफ अधिकार, यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को नाम न छापने देने का अधिकार है, घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार, मातृत्व संबंधी लाभ के लिए अधिकार, कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार, मुफ्त कानूनी मदद के लिए अधिकार, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत नए नियमों के आधार पर पुश्तैनी संपत्ति पर महिला और पुरुष दोनों का बराबर हक के बारे में जानकारी दी। सुबह के सत्र में प्रो सविता मोहन ने हिन्दी साहित्य में महिला पात्रों की भूमिका एवं लेखकों के बारे में परिचर्चा की। वेबिनार में शिक्षा संकायाध्यक्ष प्रो विजयारानी ढ़ौंडियाल, प्रो भीमा मनराल, प्रो पुष्पा अवस्थी, प्रो जया उप्रेती, डॉ रिजवाना सिद्दीकी, डॉ संगीता पवार, डॉ किरण सती, डॉ प्रीति सिंह, डॉ दीक्षा खंपा, डॉ दिनेश चंद्र कांडपाल, सोनी टम्टा, प्रांजलि जोशी, गीता भट्ट, धना कार्की, अर्पणा सिंह, भावना गोस्वामी, डा ममता कांडपाल, अर्चना गोयल, अर्चना सिंह, जया उप्रेती, लता जोशी, स्वाती मिश्रा, कहकशा खान सहित शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया।