गो0 ब0 पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी-कटारमल के तत्वाधान में यू0के0एस0आर0एल0एम0 व हाई एल्टीटृयूड प्लान्ट फिजियोलॉजी रिसर्च सेन्टर (हैप्रक) के सहयोग से ई0टी0सी0 हवालबाग के सभागार में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती पर चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत डॉ0 पारोमिता घोष, केन्द्र प्रमुख, सामाजिक-आर्थिक विकास केन्द्र द्वारा विभिन्न जनपदों से आए सी0एल0एफ0 कार्यकर्ताओं का स्वागत कर, परिचय एवं कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी गयी। इसके पश्चात् संस्थान के निदेशक, प्रो0 सुनील नौटियाल द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस की बधाई देते हुए महिला शक्ति को आज के परिपेक्ष्य पारंपरिक ज्ञान एवं विज्ञान के समायोजन करने की बात कही तथा हिमालयी क्षेत्रों में औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती का महत्व व सरक्षण एवं खेती में महिलाओं की भागीदारी को मुख्य बताया तथा हिमालयी क्षेत्रों में उत्पन्न होने वाली विभिन्न औषधीय पौधों के बारे में जानकारी दी। इसके पश्चात् संस्थान की वैज्ञानिक व कार्यक्रम की सह-संयोजक डॉ0 शैलजा पुनेठा द्वारा जंगली खाद्य पौधों का महत्व और ग्रामीण आजीविका वर्द्धन में जानकारी प्रदान की। इसके बाद डॉ0 घोष द्वारा औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती, उनके लाभ और बाजार लिंकेज पर सरकारी नीतियों के बारे में व्याख्यान दिया गया।
कार्यक्रम में हैप्रक से आए शोधार्थियों – डॉ0 प्रदीप डोभाल, जयदेव चौहान एवं अजय हेमदान द्वारा औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती को बढ़ाने के बारे में विस्तार से बताया गया। ई0टी0सी0 हवालबाग के प्राचार्य श्री रघुनाथ शर्मा द्वारा कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा गया कि इस प्रकार के कार्यक्रम हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों को उनकी आजीविका में मददगार सिद्ध होगा। कार्यक्रम में ईनविस केन्द्र के विजय, कमल किशोर टम्टा और केन्द्र के कार्यालय सहायक/डाटा इन्ट्री आपरेटर गिरीश चन्द्र त्रिपाठी तथा दीवान सिंह कार्यक्रम में उपस्थित रहे।