चंपावत –
सन् 1999 मे हुए कारगिल युद्ध के शहीदो की स्मृति मे 23वां कारगिल दिवस को जनपद भर मे शौर्य दिवस के रूप मे श्रद्धापूर्वक सादगी के साथ मनाया गया।
प्रातः एनसीसी, जवाहर नवोदय विद्यालय की छात्राओं के बैंड के साथ ही अन्य विद्यालयों के छात्र छात्राओं द्वारा रोडवेज स्टेशन से सैनिक कल्याण कार्यालय तक मार्च पास्ट किया। मुख्य कार्यक्रम जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय प्रांगण में स्थित शहीद स्मारक स्थल में आयोजित किए गए। इस अवसर पर सर्वप्रथम समारोह में कारगिल युद्ध में अपना योगदान देने वाले जनपद के नायक दान सिंह मेहता, लेफ्टिनेंट मदन सिंह, हवलदार श्याम सिंह ने शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इसके उपरांत कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अध्यक्ष जिला पंचायत ज्योति राय, ब्लॉक प्रमुख बराकोट विनीता फर्त्याल, जिलाधिकारी नरेन्द्र सिंह भंडारी, पुलिस अधीक्षक देवेद्र पींचा, लेफ्टिनेंट कर्नल वीरेंद्र प्रसाद भट्ट, अपर जिलाधिकारी, हेमंत कुमार वर्मा के साथ ही सेना एस एस बी के अधिकारियों पूर्व सैनिकों व अन्य के द्वारा पुष्प चक्र चढ़ाकर देश के वीर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इस अवसर पर पुलिस के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया तथा शहीद सैनिकों के सम्मान में सलामी दी गई। इस अवसर पर जीजीआईसी की छात्राओं द्वारा देश भक्ति गीत प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्षा ज्योति राय ने कहा कि कारगिल युद्ध में मातृभूमि के स्वाभिमान, रक्षा के लिए अपनी आहुति देने वाले तथा वे सैनिक जिन्होंने कारगिल युद्ध में जीत का परचम लहराया उनकी सेवाओं को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। आज हम इन्ही वीर सपूतों जो विषम परिस्थितियों में सीमाओं में डटकर देश की सेवा कर रहे है, जिनके कारण हम खुली हवा में सांस लेकर, निडर होकर जी रहे है उन्हें भी सलाम करते हैं उनके जज्बे को प्रणाम करते हैं।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कारगिल दिवस के शहीदों समेत देश के विभिन्न वीर शहीदों को कोटि-कोटि नमन करते हुए कहा कि सैनिक कठिन परिस्थितयो में भी सीमाओं पर देश की रक्षा कर रहे है तभी हम लोग चैन से, बिना भय के साथ जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी का कर्तव्य बनता है कि उनके परिजनो को सम्मान दें, साथ ही सैनिकों का कोई भी कार्य हो उसे प्राथमिकता से पूर्ण करें। जिन वीर सैनिकों ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर किये हैं उन्हें याद करने के साथ उनकी कुर्बानी को भी याद रखना चाहिये। उन्होंने कहा कि वीर शहीदों के परिवारों के प्रति हमारा जो दायित्व बनता है उसे हमें पूरा करना चाहिये ताकि वे अपने को गौरवान्वित महसूस करें। उन्होंने कहा देश प्रेम की भावना सभी में जागृत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें जो जिम्मेदारियां दी गयी है यदि उनका निर्वहन सही ढंग व पूर्ण निष्ठा के साथ करें तो हमारे लिए वही सच्ची देश भक्ति होगी।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक देवेद्र सिंह पींचा ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए वीर शहीदों को याद किया। इस अवसर पर जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने कहा कि कारगिल युद्व में उत्तराखण्ड के 75 जवान शहीद हुए थे, चम्पावत जिले के भी सैनिको ने कारगिल युद्व में प्रतिभाग लेकर देश का मान बढाया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड वीरों की धरती है, लगभग प्रत्येक परिवार से व्यक्ति सेना में है। कुमाऊं एवं गढवाल रेजीमेंट के वीर सैनानी हमारे गौरव है।
उन्होने कहा कि भारतीय सेना के बलिदान एवं उनकी सेवाओं को कभी भुलाया नही जा सकता।
कारगिल योद्धा नायक दान सिंह मेहता जिन्होंने कारगिल युद्ध में भाग लिया,उन्होंने कारगिल युद्ध के अपने अनुभवों को साझा किया। बताया कि कैसे कारगिल युद्ध हमारे वीर सैनिको ने पाकिस्तानियो को धूल चटाई। इस युद्ध में हमारे भी 527 जवान शहीद हुए और लगभग 2000 जवान घायल हुए।
समरोह में 25 जुलाई को नशा मुक्त भारत अभियान के तहत खेल विभाग के तत्वावधान में जिला मुख्यालय में आयोजित पुरुष वर्ग की 17 आयु तक 5 कि0मी0 क्रॉस कंट्री दौड़ में प्रथम द्वितीय तृतीय क्रमशः राहुल सिंह मेहर, संदीप सिंह व रघुवीर सिंह को, 17 आयु से ऊपर 5 किमी ओपन महिला वर्ग में प्रथम, द्वितीय, तृतीय क्रमशः मानसी भंडारी, रानी महर व नेहा भंडारी, 17 आयु से अधिक 7 किमी ओपन पुरुष वर्ग विजेता में प्रथम द्वितीय तृतीय क्रमशः दीपक सिंह रावत, नितिन गहतोड़ी व प्रकाश चंद तथा निबंध प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय तृतीय क्रमशः अनुश्री जोशी, वेभावी खाती, मयंक सिंह मेहता को पुरुस्कृत किया।
इस दौरान कमांडेंट एसएसबी प्रमोद देवरानी, मुख्य शिक्षा अधिकारी जितेद्र सक्सेना, सीओ विपिन चंद्र पंत, प्रभारी जिला क्रीड़ा अधिकारी चंदन सिंह बिष्ट, बीडी जोशी, पूर्व सैनिक, शिक्षक, शिक्षिकाए एन सी सी कैडेट आदि मौजूद रहे। इस अवसर पर राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं द्वारा देश भक्ति गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र गहतोड़ी द्वारा किया गया।