अल्मोड़ा। मुख्यसचिव की ओर से बीते दिनों ग्राम प्रधानों को कोरोना रोकथाम में ग्राम सभा के अंदर विशेष अधिकार दिए गए हैं। जिसमें बाहरी राज्यों से लौट रहे लोगों का समुचित प्रबंध, देखरेख एवं क्वारंटाईन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेकिन, जिले में मुख्य सचिव के आदेश को तामील कराने के लिए जिला प्रशासन की ओर से ग्राम प्रधानों को कोई भी गाइडलाइन मुहैया नहीं कराई गई है। जिस कारण मुख्य सचिव के आदेश को लेकर ग्राम प्रधानों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
ग्राम प्रधान स्तर पर काम करने के एक आदेश से ग्राम प्रधान असमंजस की स्थिति में है। जिसमें कहा गया है कि बाहरी क्षेत्रों से ग्राम पंचायतों में आ रहे प्रवासी नागरिकों को ग्राम प्रधान क्वारनटाइन करायेंगे तथा उनकी सम्पूर्ण देखरेख की जिम्मेदारी भी ग्राम प्रधान की होगी। इस आदेश के सम्बन्ध में अण्डोली के ग्राम प्रधान तारा दत्त पाण्डेय का कहना है कि यह आदेश अभी तक ग्राम प्रधानों को नहीं पहुंचा है। उनको सोशियल मीडिया एवं समाचार पत्रों के माध्यम से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि बाहरी क्षेत्रों से आने वाले लोगों को होम कवारनटीन या संस्थागत क्वारनटीन किया जायेगा या फिर कोई अन्य व्यवस्था की जाएगी। इसके सम्बन्ध में जिला प्रशासन की ओर से प्रधानों को कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। वहीं शैली की ग्राम प्रधान जानकी पांडे का कहा कहना है कि बिना पूर्व तैयारी के प्रशासन की ओर से बाहर से लौट रहे लोगों को भेजा जा रहा है। जो कोरोना के संक्रमण को दावत दे रहा है। चामी के ग्राम प्रधान ने कहा कि बाहरी क्षेत्रों से ग्राम पंचायतों में आने वाले व्यक्तियों का पंजीकरण जिला प्रशासन के स्तर पर किया जा रहा है लेकिन प्रशासन द्वारा ग्राम पंचायतों में आने वाले व्यक्तियों के सम्बन्ध में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। जिससे ग्राम पंचायतों में बाहर से आने वाले व्यक्तियों की सूचना जुटाने में काफी समस्या उत्पन्न हो रही है। तथा ग्राम प्रधान बिना मास्क, सेनेटाइजर के सुरक्षा के उपायों के बिना कैसे आंकड़े जुटाएंगे। इस सम्बन्ध में ग्राम प्रधानों की ओर से उप जिलाधिकारी भनोली को जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सौंप कर ग्राम प्रधान सुरक्षा एवं स्पष्ट गाइडलाइन मुहैया कराने की मांग दोहराई है।