कांग्रेस नेत्री व सामाजिक कार्यकर्ता गीता मेहरा ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में आम जनमानस में यहां खाद्यान्न की कमी से उनको मरने की नौबत आ गई है। मेहरा ने कहा है कि  दवाइयां, सेनेटाइजर, थर्मामीटर, ऑक्सीजन की कीमत भी दोगुनी होने से आम जनता की कमर तोड़ दी है। एक तरफ सरकार साप्ताहिक बंदी कराकर भीड़ कम करने की बात कह रही है वहीं दूसरी ओर बिना मास्क, बिना सेनेटाइज किये हजारों की भीड़ इकट्ठा कर चुनावी रैलियां की जा रही हैं। प्रतिदिन सरकार के बदलते आदेशों के फल स्वरुप आम आदमी को मानसिक रूप से प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है, जिससे कई लोग डिप्रेशन में आकर दम तोड़ रहे हैं। अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए बेड, डॉक्टर और दवाइयों की भारी कमी है। आम मरीजों के लिए अस्पताल में ओपीडी भी बंद कर दी गई है। जिससे अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है। ऐसे में आम जनता कहाँ जाए? मेहरा ने कहा कि सभी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार का ध्यान आकृष्ट करना चाहती हूँ और बेरोजगारी, भुखमरी और रोगों से ग्रसित आम जनता को इस मुहिम से उबरने के लिए कठोर प्रयास करने चाहिए। गीता मेहरा ने कहा कि वह आम जनता से कहना चाहती हैं कि वह अपनी मानसिक स्थिति को ठीक रखे, अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें और सकारात्मक सोच के साथ जीवन यापन करें।