मनोज अरोड़ा प्रदेश उपाध्यक्ष प्रान्तीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल उत्तराखंड ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है जिसमे अरोड़ा ने कहा कि उत्तराखंड राज्य एक विषम भौगोलिक परिस्थितियों का प्रदेश है जहां के अधिकतर पर्वतीय क्षेत्रों में व्यापार ,पर्यटन एवं तीर्थाटन व्यवसाय साल में अधिकतम 4 से 5 माह का ही होता है।

           वर्तमान वर्ष 2021 में तीर्थाटन व पर्यटक सीजन विगत् वर्ष 2020 की भांति कोरोना के दुष्प्रभाव से पूर्ण  रूप से चौपट हो चुका है व सम्भवतः निकट भविष्य में भी अधिकतर व्यापार तथा पर्यटन एवं तीर्थाटन व्यवसाय की संभावना नगण्य है।

  अरोड़ा ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में केंद्र व राज्य सरकार के अथक प्रयासों से पर्यटन/तीर्थाटन  से संबंधित अनेकों विकास योजनाएं केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित है।उत्तराखंड प्रदेश में अनेकों पर्यटन स्थल , ट्रैकिंग स्थल, ग्लेशियर स्थल होने के साथ-साथ तीर्थ नगरी भी है जहाँ अनेकानेक दर्शनीय एवं रमणीय स्थल तो है ही वहीं देवभूमि में चारधाम, शक्ति पीठ एवं मां गंगा का उद्गम स्थल भी उत्तराखंड प्रदेश में है। 

            कोरोनोवायरस की वैश्विक महामारी की दूसरी लहर ने हमारे देश में तबाही मचा रखी है तथा  सभी व्यापार एवं विकास कार्य ठप हो गए है व हमारा उत्तराखंड प्रदेश व प्रदेशवासी भी इस आपदा से अछूते नहीं रहे।

        उत्तराखंड में पर्यटन व तीर्थाटन उद्योग से लगभग 60 प्रतिशत व्यापारी/कारोबारी जुड़ा हुआ है और आज की वर्तमान परिस्थितियों में कोविड-19 महामारी के चलते सर्वाधिक नुकसान भी इसी वर्ग को हुआ है।

मनोज ने आग्रह किया कि :-

 01-लघु उद्योग के अन्तर्गत पर्यटन/तीर्थाटंन/ होटल/ रैस्टोरेंट/ टूर-ऑपरेटर/ ट्रांसपोर्ट/ज्वैलरी /रेडीमेड / शादी विवाह से जुड़े बैंकट हाल/ टैंट व्यवसाय/केटरिंग इत्यादि व्यवसाइयों के

वित्तीय वर्ष 2021-2022 के लिए बैंक ॠणों को ब्याज मुक्त किया जाए।

02-वित्तीय वर्ष 2021-2022के लिए बैंक की मासिक किश्त स्थगित की जाए।

03-आपात ॠण गारंटी योजना के तहत विगत वर्ष लिए गए बैंक ॠण अदायगी की किश्तें 06 माह तक स्थगित की जाए।

04-बिजली/पानी के व्यवसायिक बिलों मे छूट प्रदान करते हुए फिक्सड चार्ज को माफ किया जाए एवं कामर्शियल उपयोग न होने के कारण घरेलू दरों पर लिया जाए।

05-कोरोना महामारी में अपनी जान जोखिम में डाल आवश्यक सेवाओं को सुचारू रखने में व्यापारी की प्रमुख भूमिका रही है,अतः उन्हें कोरोना वारियर्स का दर्जा एवं 50लाख का निशुल्क बीमा सरकार के माध्यम से कराया जाए।

06-व्यापार से जुड़े व्यवसायिक वाहनों के परिवाहन कर रोड टैक्स/ गुड्स टैक्स/ फिटनैस/ परमिट इत्यादि वर्ष 2021-22 के लिए माफ किया जाए व जमा कर को  वर्ष 2022-23 में समायोजित करते हुए एक वर्ष का ग्रेस पिरियड दिया जाए।

07-व्यापारिक प्रतिष्ठानों एवं  व्यवसायिक वाहनों की बीमा राशि को  सरकार द्वारा  वर्ष 2021-22 के लिए ग्रेस  पीरियड देते हुए माफ किया जाए व जमा बीमा राशि को 2022-23 के लिए  समायोजित करने की कृपा करें ।

08-प्रदेश के पर्यटन एवं तीर्थाटन उद्योग के लिए एक राहत पैकेज की घोषणा की जाए जिनमें सभी परिस्थितियों का आकलन करते हुए उन्हें विशेष रियायते दी जाए एवं राहत पैकेज की घोषणा की जाये जिससे कि पर्यटन व्यवसाय को पुनः स्थापित किया जा सके।

       मान्यवर सरकार को सर्वाधिक राजस्व की प्राप्तियाँ व्यापारी समाज से ही होती हैं।लेकिन यह वर्ग इस समय संकट के दौर में है।अतः हमारी उपरोक्त मांगो पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर राहत देंगे ऐसा हमें विश्वास है।