अल्मोड़ा – अंकिता हत्याकाण्ड में राजनैतिक रसूक के चलते उत्तराखण्ड की सरकार स्थानीय पटवारी को रिपोर्ट देने के बावजूत भी कारवाही भी कर रही है। पूर्व राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है की अंकिता के पीड़ित पिता ने पूर्व में ही बोल दिया था की उन्हे रिजोर्ट मालिक पर संन्देह है। उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।

उन्होंने कहा कि हत्या के बाद कार्यवाही में चार पाँच दिन की देरी करना, इस बात को साबित करता है कि प्रशासन द्वारा  अपराधियों को सबूत नष्ट करने का पूरा समय दिया है। यह आश्चर्य की बात है कि प्रशासन द्वारा बुल्डोजर चलाकर बचे हुए  सबूतों को  भी नष्ट करने की पूरी कोशिश की गई। पौड़ी गढ़वाल के डी एम का कहना है कि  डी एम के द्वारा कोई भी आदेश बुल्ड़ोजर चलाने के लिए नहीं दिया गया है। सवाल यह है कि बुल्डोजर किसके आदेश पर चला। अभी तक अपराधियों को बचाने वालो पर कोई एफ आई आर दर्ज नहीं होना भी शक को बड़ा रहा है।

राजस्व व्यवस्था पर टम्टा ने कहा की बंकरनुमा रिजोर्टो मे पटवारी अवैध धंधों को कैसे रोक सकता है। एक महिने के  भीतर ही तीन बडे केश पटवारी क्षेत्रों  में घटित हुए है। तो सरकार उसके बाद भी पुलिस ब्यवस्था लागू क्यों नहीं कर रही है । सरकार राज्य में कुल कितने रिजोर्ट है इस पर श्वेत पत्र जारी करे, बिना अनुमति के  चल रहे रिजोर्टो पर क्या कार्यवाही हुई, उसे भी जनता के बीच उजागर करे। पत्रकार वार्ता में विधायक मनोज तिवारी,पूर्व ब्लाक प्रमुख रमेश भाकुनी , काग्रेस जिलाध्यक्ष पिताम्बर पाण्ड़े ,मनोज सनवाल सिकन्दर पवार , रोविन भण्डारी आदि लोग मौजूद रहे ।