पूर्व मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने अपने एक बयान में बताया कि अल्मोडा जनपद के राष्ट्रीय राजमार्ग / लोक निर्माण विभाग (जिनमें प्रान्तीय खण्ड व निर्माण खण्ड) के अधीन समस्त सड़कों की स्थिति दयनीय हो गयी है जिसके सुधारीकरण/डामरीकरण के लिये एक ज्ञापन दिनांक 19.06.2020 को मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड को प्रेषित किया गया था जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है ।
पुनः मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करते हुये कर्नाटक ने कहा कि अल्मोडा जनपद की समस्त सड़कों की स्थिति आज भयावह हो गयी है ,सड़क के बीचो बीच में काफी बड़े गड्ढे पड़ चुके हैं,नालियां बन्द हैं तथा सड़क के किनारे भयानक झाड़ियां उग आयी हैं । सड़क के क्षतिग्रस्त होने से आये दिन दुर्घटनायें हो रही हैं तथा गाड़ियों को व उनमें बैठे हुये मरीजों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।
उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा विधान सभा की समस्त सड़कें या तो क्षतिग्रस्त हैं या उनकी ऊपरी सतह का डामर पूरी तरह उखड़ चुका है । विभाग द्वारा खानापूर्ति के नाम पर उन गड्ढों में मिट्टी डाल कर जनता को गुमराह किया जा रहा है साथ ही सडकों के किनारों की भयावह झाड़ियों में आये दिन तेंदुवे देखे जा रहे हैं । इन समस्त स्थितियों को देखकर यह प्रतीत होता है कि आज उत्तराखण्ड़ के इस पर्वतीय जनपद में या तो सड़क सम्बन्धी कोई भी विभाग कार्य नहीं कर रहा है अथवा विभाग रहित उत्तराखण्ड़ का यह पर्वतीय जनपद है । इन समस्त परिस्थितियों को देखकर यह प्रतीत होता है कि आज उत्तराखण्ड़ राज्य में पर्वतीय जनपदों की आम जनता की कोई महत्व राज्य सरकार व विभाग के सम्मुख नहीं है । इसलिये यहां की जनता के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है ।
कर्नाटक ने ज्ञापन में कहा कि समस्त परिस्थितियों को ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री तत्काल सम्बन्धित विभागाध्यक्षों को कठोर निर्देश देते हुये एक सप्ताह के भीतर सड़क सुधारीकरण हेतु निर्देशित करेंगे साथ ही विभागों को यह भी स्पष्ट करेंगे कि किस कारण विभागों द्वारा यह कार्य नहीं किये जा रहे हैं । क्या उत्तराखण्ड़ राज्य के पास अपनी आवाम की मूलभूत सुविधाओं हेतु धनराशि नहीं है यदि यह स्थिति नहीं है तो तत्काल लापरवाह अधिकारियों को दण्डित करने व सड़क की मरम्मत व सुधारीकरण का कार्य करवाने की कृपा करें ।
उन्होने चेतावनी देते हुये कहा कि एक सप्ताह के भीतर कार्य प्रारम्भ नहीं होता है तो विवश होकर आम नागरिकों को आन्दोलन/चक्का जाम जैसी आन्दोलनात्मक कार्यवाही करनी पडेगी जिसका पूर्ण उत्तरदायित्व सम्बन्धित विभाग व सरकार का होगा ।