भाकृअनुप-विवेकानन्द पवर्तीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के प्रयोगात्मक प्रक्षेत्र हवालबाग में आज दिनांक 25 मार्च, 2022 को खरीफ किसान मेले का आयोजन किया गया। समारोह की मुख्य अतिथी वंदना सिंह, जिलाधिकारी, अल्मोड़ा थी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने संस्थान द्वारा पवर्तीय कृषि पर किये जा रहे शोध कायार्ें की सराहना की। उन्हांेने कहा कि पवर्तीय क्षेत्रों में किसान समेकित खेती कर अधिक आय अजिर्त कर सकते है।  उनके अनुसार कृषकों द्वारा सामूहिक खेती को प्रोत्साहन देकर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। जिलाधिकारी महोदया ने संस्थान के वैज्ञानिकों से अनुरोध किया कि वे विकसित बीजों एवं तकनीकों को अधिक से अधिक प्रयोगशाला से खेत तक ले जाने में राज्य सरकार के कृषि एवं अन्य रेखीय विभगों को अपना सहयोग दें ताकि कृषक इन तकनीकों से लाभान्वित हो सके। पवर्तीय महिलाओं की चारा एवं ईधन इकट्ठा करने की समस्या के मध्येनजर उन्होंने संस्थान से ऐसा यंत्र विकसित करने का आग्रह किया जिससे महिलाओं के श्रम को कम किया जा सके। उनके अनुसार स्थान आधारित फसल चक्र भी कृषकेां की आथिर्क स्थिति सुदृढ़ करने में सहायक हो सकता है।  विशिष्ट अतिथि नगर पालिकाध्यक्ष श्री प्रकाश चन्द्र जोशी जी ने संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की जा रही वैज्ञानिक पद्वतियेां की सराहना करते हुए किसानों से आग्रह किया कि वे इन पद्धतियेां का लाभ उठा कर अपनी फसल उपज को बढ़ा सकते है। फलस्वरूप उनकी आय में भी वृद्धि हो सकती है। संस्थान द्वारा मशरूम की खेती हेतु बनाये जा रहे कम्पोस्ट की प्रशंसा करते हुए उन्होंने पवर्तीय क्षेत्रों में मशरूम की खेती को लाभदायक बताया। निदेशक, आकाशवाणी, अल्मोड़ा प्रतुल जोशी ने 25 मार्च नामर्न ई बोरलाॅंग के जन्म दिवस का जिक्र करते हुए उनके हरित क्रान्ति में किये गये योगदान को बतलाते हुए किसानों को प्रोत्साहित किया।  मुख्य अतिथि द्वारा संस्थान के प्रसार प्रपत्र “पवर्तीय क्षेत्रों में ख़ाद्य सामग्री सुखाने हेतु वी.एल. सोलर ड्रायर (सौर शुष्कक)” का विमोचन किया गया। इस अवसर पर संस्थान की दो धान प्रजातियों नामतः वी.एल. धान 159 एवं वी.एल. धान 88 का लोकापर्ण किया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र, बागेश्वर की एन.आई.सी.आर.ए. (निक्रा) परियोजना का शुभारंभ भी किया गया। मेले के दौरान प्रगतिशील किसान महेन्द्र कुमार, पंकज सिंह बिष्ट, नन्दन प्रकाश, श्रीमती उमा भट्ट, दिगा राम को पुरस्कृत किया गया। इससे पहले संस्थान के निदेशक डा. लक्ष्मी कांत ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों, आगन्तुकों व कृषकों का स्वागत करते हुए पवर्तीय कृ़िष के क्षेत्र में संस्थान द्वारा किये गए शोध कायोंर् तथा विकसित तकनीकों का विवरण दिया गया। उनके द्वारा संस्थान की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा गया कि अभी तक संस्थान द्वारा विभिन्न फसलों की 175 प्रजातियाॅं विकसित की गयी है जो राज्य एवं केन्द्र स्तर पर विमोचित एवं अधिसूचित है। इसके अलावा संस्थान द्वारा विकसित अन्य तकनीकियों, जैसे विशिष्ट फसल प्रजातियों, रोग एवं कीट प्रबन्धन, पाॅलीहाउस, पाॅलीटैंक एवं विभिन्न लघु कृषि यंत्रों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने संस्थान द्वारा बीजोत्पादन, प्रशिक्षण कायर्क्रम तथा विकसित मोबाईल एप आदि की जानकारी दी। इस अवसर पर संस्थान में चल रही अनुसूचित जाति एवं जनजाति परियोजनों के अन्तगर्त पौडी़ गढ़वाल के कृषकों को लघु कृषि यंत्र एवं एग्री कैनन गन का वितरण किया गया।
 
किसान मेले में आयोजित प्रदशर्नी में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनेक संस्थानों, कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों द्वारा प्रतिभाग किया गया एवं लगभग 30 प्रदशर्नियाँ लगायी गयी। मुख्य अतिथि ने संस्थान के प्रक्षेत्र एवं प्रदशर्नी भ्रमण के दौरान संस्थान द्वारा चलाये जा रहे शोध कायोर् की जानकारी ली एवं संस्थान द्वारा कृषक हित में चलाये जा रहे कायर्क्रमों की सराहना की। इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी, मुख्य उद्यान अधिकारी अल्मोड़ा, सहित विभिन्न संस्थानों एवं विभागों के वैज्ञानिक एवं अधिकारी उपस्थित थे।
मेले में उत्तराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों से आये 600 से अधिक कृषकों ने प्रतिभागिता की एवं विभिन्न फसलों एवं प्रदशर्नियों का भ्रमण किया। मेले में आयोजित कृषक गोष्ठी में पवर्तीय कृषि से संबंधित विभिन्न पहलुआंें पर महत्वपूणर् जानकारी प्रदान की गयी साथ ही कृषकों की विभिन्न समस्याओं का कृषि वैज्ञानिकों द्वारा त्वरित समाधान किया गया। विभिन्न कृषकों द्वारा अपने अनुभव साझा किये गये।  किसान मेले में कृषक गोष्ठी का संचालन डा. बी.एम.पाण्डे, कायर्क्रम का संचालन डा. कुशाग्रा जोशी एवं धन्यवाद प्रस्ताव डा. जे.के. बिष्ट, विभागाध्यक्ष ने किया।