न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अल्मोड़ा में राज्य बनाम त्रिभुवन भट्ट मामले में धारा-120 149, 420,4 में अभियुक्त त्रिभुवन भट्ट पुत्र स्व० हरिवल्लम भट्ट की ओर से उपरोक्त मामले में जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है, अभियुक्त की ओर से जो जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है, उसमें यह आधार लिए हैं कि भट्ट पर लगाये गये आरोप बेबुनियाद हैं, अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त की दिनांक 19-20 अप्रैल से एल.एल.बी. प्रथम वर्ष की परीक्षा है। अभियुक्त जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। अभियुक्त को जमानत पर रिहा किया जाये। सहायक अभियोजन अधिकारी द्वारा अपनी आख्या में जमानत का घोर विरोध करते हुए कथन किया कि अभियुक्त त्रिभुवन भट्ट उपरोक्त मामले में अपने भाई अभियुक्त हेमन्त भट्ट के माध्यम से स्वयं परीक्षा में अनुपस्थित होकर अपना आधार कार्ड व एडमिट कार्ड अपने भाई को देकर उक्त परीक्षा को धोखे से दिये जाने की साजिश में संलिप्त होना पाया गया है। अभियुक्त द्वारा विवेचना में सहयोग नहीं किया गया जिस कारण न्यायालय से एन.बी. डब्ल्यू जारी कराने के उपरान्त अभियुक्त की गिरफ्तारी की गयी, जो कि वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है।

 सहायक अभियोजन अधिकारी एवं अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता को जमानत के प्रश्न पर सुना व पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रस्तुत मामला धारा-120बी, 149, 420, 468 भारतीय दण्ड संहिता से सम्बन्धित है। अभियुक्त जिला कारागार अल्मोड़ा में निरूद्ध है। अभियुक्त के अधिवक्ता द्वारा न्यायालय को जानकारी दी गयी है कि अभियुक्त की 19-20 अप्रैल से एल.एल.बी. की परीक्षा है, जिसके सम्बन्ध में परीक्षा की समय सारणी तथा ऑनलाइन एडमिट कार्ड की छायाप्रति प्रस्तुत की गयी प्रस्तुत मामले की धाराएं सात वर्ष से कम की सजा से दण्डनीय अपराध वाली है। अतः समस्त परिस्थितियों को देखते हुए तथा मामले के गुण दोष पर कोई राय व्यक्त न करते हुए अभियुक्त को जमानत दिये जाने के आधार पर्याप्त प्रतीत होते हैं। तदनुसार जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किये जाने योग्य है। अभियुक्त त्रिभुवन भट्ट का जमानत प्रार्थना-पत्र अन्तर्गत धारा धारा-120बी, 149, 420, 468 भारतीय दण्ड संहिता में स्वीकार किया जाता है। अभियुक्त को रू.30,000/- (तीस हजार रूपये) का व्यक्तिगत बन्ध-पत्र एवं समान धनराशि के दो सक्षम एवं विश्वसनीय जमानती न्यायालय में प्रस्तुत करने पर, दौराने वाद, जमानत पर रिहा किया जाये।

अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता विक्रांत भटनागर अधिवक्ता कृष्णा चंद्र बाराकोटी अधिवक्ता मनोज बृजवाल अधिवक्ता पंकज बजेठा अधिवक्ता सुनील कुमार ग्वाल द्वारा पैरवी की गई है।