विगत आठ महीनों से नियुक्ति की मांग कर रहे डायट डीएलएड प्रशिक्षतों ने अपनी मांग सरकार तक पहुंचाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जी के समर्थन के साथ काशीपुर के उप शिक्षा अधिकारी परिसर में एक दिवसीय उपवास व संध्याकाल में दीप प्रज्वलन का कार्यक्रम किया।

2017 में आयोजित डीएलएड प्रवेश परीक्षा में चयनित 650 अभ्यर्थियों ने प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए दिसंबर 2019 तक सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से 2 वर्ष का कड़ा प्रशिक्षण प्राप्त किया , टीईटी-1 भी उत्तीर्ण किया ।
प्रशिक्षण के दौरान 7 महीने राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में नवाचारी विधियों से शिक्षा प्रदान करने वाले प्रशिक्षितों को क्या पता था कि प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति पाने के लिए इनको दीप प्रज्वलन और उपवास जैसे अनुभव से भी गुजरना पड़ेगा ।

डायट डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के प्रदेश प्रवक्ता जितेंद्र नैनवाल ने बताया कि हम 16 मार्च 2020 तक शिक्षा निदेशालय देहरादून में अपनी नियुक्ति की मांग कर रहे थे, लेकिन कोविड संक्रमण को ध्यान में रखते हुए भावी शिक्षकों ने अपना धरना स्थगित किया और ट्विटर, फेसबुक के जरिए माननीय शिक्षा मंत्री तक अपनी मांग पहुंचाते रहे।

रिवर्स पलायन के लिए शिक्षा अहम मुद्दा है।
फिर भी सरकार 4000 से अधिक रिक्त पद होने के बावजूद प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति ना कर नौनिहालों को शिक्षा से वंचित कर रही है।
प्रशिक्षितों ने बुधवार को गांधीवादी विचारधारा का परिचय देते हुए काशीपुर में एक दिवसीय उपवास और संध्याकाल में दीप प्रज्वलन कर सरकार से अपनी नियुक्ति की मांग दोहराई ।

प्रशिक्षतों के इस प्रयास में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जी ने भी समर्थन दिया और सरकार से डायट डीएलएड प्रशिक्षितों को प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति प्रदान करने की अपील की है।

इस अवसर पर जितेन्द्र नैनवाल, सुरेश रिखड़ी, स्वेता राजपाल, सुधांशु जौहरी आदि मौजूद थे।