घरों से निकालने वाले कचरे का लगभग 60% कचरा रसोई से निकनेवाला जैविक कचरा या गीला कचरा होता है जिससे अच्छी गुणवत्ता की जैविक खाद बनाई जा सकती है| यदि इस गीले कचरे का निस्तारण उचित प्रकार से उसी जगह पर किया जा सके जहां पर यह पैदा हो रहा है तो शहर में फैलने वाली गंदगी और बदबू से भी निजात पाई जा सकती है| और सबसे बड़ी बात नगर पालिका पर भी कूड़े के निस्तारण का दबाव कम होगा और इस कचरे को बलढोटी स्तिथ ट्रेनचिन्ग  ग्राउंड तक ट्रांसपोर्ट करने के खर्चे में भी कमी आएगी|

“रसोई के हरे कचरे से खाद बनाये और अल्मोड़ा की स्वच्छता में हाथ बटायें” इस उद्देश्य के साथ ग्रीन हिल्स संस्था, अल्मोड़ा में घर में ही बोकाशी विधि से कम्पोस्ट प्रोग्राम के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत करने जा रही है| “बोकाशी” एक जापानी विधि है, जिसमे आप अलग से रखे हुए सब्जी एवं फलों के छिलके, चायपत्ती,बचा हुआ खाना,अंडे के छिलके,मांस,मछली आदि को दिन मे एक बार अपने बोकाशी बिन  मे डालकर खाद बना सकते हैं| फिलहाल यह कार्य ऑफिसर्स कॉलोनी और नर्सिंह बाड़ी में किया जाएगा|

इस कार्य की शुरुआत करने के लिए आज ग्रीन हिल्स संस्था द्वारा ऑफिसर्स कालोनी के ऑफिसर्स क्लब में आयोजित मीटिंग में बोकाशी विधि के बारे में संस्था की सचिव डा. वसुधा पंत द्वारा विस्तार से बताया गया और साथ ही इस विधि का एक डिमॉनस्ट्रेशन भी दिया गया| इस वर्कशॉप में मुख्य विकास अधिकारी  नवनीत अधिकार, एस डी एम रानीखेत गौरव पांडे, डीडीएमओ  राकेश जोशी सहित ऑफिसर्स कॉलोनी के कई अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्तिथ थे| मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पांडे जी ने शहर की स्वच्छता में इस कार्य की महत्ता को बहुत सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ लिया और आश्वस्त किया की ऑफिसर्स कॉलोनी के सभी घरों में इस कार्य को करने के लिए संस्था को सहयोग दिया जाएगा ताकि पर्यावरण के लिए सबका सूक्ष्म सहयोग हो सके|

इस कार्यक्रम में संस्था की श्रीमती आशा डी सूज़ा, भूपेन्द्र वल्दिया, धीरज सिंह, पार्थ तिवारी भी उपसतिथ थे|