पूर्व मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया है कर्नाटक ने कहा है कि स्कूली छात्र-छात्राओं एवं कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण (कोविड-19) से बचाव व रोकथाम के लिये भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार उत्तराखण्ड सरकार द्वारा आगामी आदेशों तक के लिये स्कूलों को बन्द किया गया है तथा शासनादेश संख्या 126 दिनांक 25 मार्च 2020 द्वारा समस्त शासकीय, अशासकीय एवं निजी विद्यालयों द्वारा समस्त प्रकार के शुल्क जमा करवाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगायी गयी है ।
प्रिंसपल प्रोग्रेसिव स्कूल ऐसोसिएशन द्वारा अवगत कराया गया है कि अभिभावकों से लिये जाने वाले शुल्क से ही विद्यालय अपने कार्मिकों/शिक्षकों को वेतन भुगतान करते हैं। शुल्क पर रोक लगाये जाने से कार्मिकों/शिक्षकों को वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है । शासनादेश संख्या 130 दिनांक 22 अपै्रल 2020 द्वारा आदेश निर्गत किये गये हैं कि समस्त शासकीय,अशासकीय,सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों में अध्ययनरत् छात्र/ छात्राओं के ऐसे अभिभावकों से शुल्क जमा करने हेतु अनुमति प्रदान की जाती है जो स्वेच्छा से शुल्क जमा करना चाहते हैं तथा सभी शासकीय,अशासकीय,सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों के कार्मिकों/शिक्षकों आदि के मासिक वेतन का भुगतान नियमित रूप से किया जायेगा,यह स्थिति विद्यालयों के लिये विरोधाभास की है । क्योंकि शैक्षणिक संस्थान बन्द होने से विद्यालय वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं,ऐसी स्थिति में कार्मिकों/शिक्षकों को वेतन भुगतान किया जाना सम्भव नहीं हो पा रहा है । अतः इन जटिल परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुये सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों को सरकार द्वारा बिजली,पानी,भवन आदि देयकों केे भुगतान में छूट दी जानी चाहिये साथ ही जो शिक्षण कार्य आनलाईन चलाया जा रहा है उसमें मध्यम एवं निम्न वर्ग के लिये डाटा पैक आर्थिक रूप से पहुंच सेे बाहर हो रहा है, ऐसी स्थिति में सरकार डाटा पैक में छूट देकर छात्र हित में आदेश जारी कर बच्चों के उज्जवल भविष्य में सहयोग प्रदान करने की कृपा करे । यह भी अवगत कराना है कि वर्तमान में लाँकडाउन के कारण अभिभावक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं वे शुल्क जमा करने में असमर्थ हैं ।
कर्नाटक ने कहा कि उन्हें कोरोना काल में पूर्ण शुल्क की छूट प्रदान की जाय तथा भविष्य में इस अवधि की फीस न वसूली जाय साथ ही सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों को वेतन भुगतान आदि की भरपाई के लिये सरकार इन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करे । ताकि इस कोरोना काल में यह विद्यालय चला पाने में सफल हों ।