पूर्व राज्य मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को  अल्मोडा की स्वास्थ्य व्यवस्था अत्यंत लचर एवं अव्यवस्थित को लेकर एक ज्ञापन सौंपा है । ज्ञापन में कहा गया है कि चिकित्सालयों में पर्याप्त उपकरण नहीं हैं तथा चिकित्सकों के अनेकों पद रिक्त हैं जिसके फलस्वरूप इस पर्वतीय जनपद अल्मोड़ा के अनेकों नागरिकों, विशेषकर गर्भवती महिलाओं की मृत्यु हो रही है, किन्तु विभाग एवं सरकार द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है ।

                            बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की मांग को लेकर मेरे द्वारा कई बार धरने/प्रर्दशन पूर्व में भी किये गये किन्तु स्थित जस की तस बनी हुई है ।  जिला मुुख्यालय में स्थित सरकारी अस्पतालों समेत ग्रामीण क्षेत्रों के चिकित्सालयों में  विशेषज्ञ चिकित्सकों का अभाव बना हुआ है,मरीजों के परीक्षण हेतु आवश्यक उपकरण भी नहीं हैं । मरीजों को उपचार के लिये मैदानी क्षेत्रों में स्थित उच्च संस्थानों अथवा निजी  चिकित्सालयों में जाना पडता है । कई बार सही उपचार के अभाव में आधे रास्ते में ही मरीज दम तोड देते हैं ।

                            वर्तमान में स्वास्थ्य संसाधनों की कमी के कारण यही स्थिति अल्मोडा के महिला चिकित्सालय में खगमरा कोट अल्मोडा निवासी राजेन्द्र सतवाल की पत्नी श्रीमती माधवी के  साथ हुआ । श्रीमती  माधवी की सामान्य प्रसव होने के कुछ समय बाद तबीयत अचानक खराब होने लगी । चिकित्सालय द्वारा रात्रि में श्रीमती माधवी को सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी रेफर कर दिया गया । हल्द्वानी उक्त चिकित्सालय पहुंचने पर चिकित्सकों द्वारा उन्हें मृत घोषित  कर दिया गया । यह भी अवगत कराना है कि जिस एंबुलेंस से उक्त महिला को हल्द्वानी  चिकित्सालय के लिये ले जाया गया उसमें पर्याप्त संसाधन/वैंटीलेटर की व्यवस्था तक नहीं थी । चिकित्सालयों की बदहाल स्थिति के कारण इलाज के दौरान आये दिन मरीजों की मौत की  घटनायें इस पर्वतीय राज्य के पर्वतीय जनपदों में लगातार सामने आ रही हैं । पर्वतीय जनपदों के चिकित्सालय केवल रेफर सैन्टर बन चुके हैं।

                            इस राज्य की जनता ने आपको प्रचंड बहुमत दिया था कि आप उनके हित में मजबूती से कार्य करेंगे किन्तु आपके द्वारा पर्वतीय क्षेत्र की जनता के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है । पूर्व में अल्मोड़ा जनपद के चिकित्सालयों में पर्याप्त चिकित्सक तैनात थे ,आपकी सरकार बनते ही चिकित्सकों को पर्वतीय क्षेत्रों से मैदानी क्षेत्रों में स्थानान्तरित कर जनता के साथ छलावा कर इन चिकित्सालयों को केवल रेफर सैन्टर बना दिया गया ।

                            कर्नाटक के कहना है कि तत्काल चिकित्सालयों में चिकित्सकों की नियुक्ति किये जाने,स्थानान्तरित किये गये चिकित्सकों को वापस भेजने,चिकित्सालयों में पर्याप्त उपकरण/संसाधन उपलब्ध कराने,एंबुलेंसों में उपकरण/वैंटीलेटर की व्यवस्था किये जाने,गम्भीर स्थिति में  रेफर किये जाने पर मरीज के साथ एंबुलेंस में  विषेशज्ञ चिकित्सक को  भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित करने की कृपा करें साथ ही श्रीमती माधावी सतवाल के  प्रकरण की गम्भीरता से जांच करायी जाय ।

                            यदि एक माह के भीतर उक्त व्यवस्थायें सुनिश्चित नहीं होती हैं तो मुझे स्थानीय नागरिकों के साथ लामबन्द होकर आन्दोलन को बाध्य होना पडेगा । आपकी सरकार एवं संबंधित विभाग जनता को आन्दोलन के लिये  बाध्य न करे ऐसी अपेक्षा की जाती है ।आप से यह भी निवेदन है कि पर्वती जनपदों की इस प्रकार से की जा रही उपेक्षा को भी आप गंभीरता से संज्ञान लेकर तथा यहां निवास करने वाले नागरिकों के जीवन का भी विशेष ध्यान रखने का प्रयास करेंगे।।