पूर्व उपाध्यक्ष एन.आर.एच.एम बिट्टू कर्नाटक ने आज जिलाधिकारी,अल्मोडा के माध्यम से एक ज्ञापन नितिन गडकरी,सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय,भारत सरकार नयी दिल्ली को प्रेषित करते हुये उन्हें अवगत कराया कि अल्मोडा विधानसभा में चौंसली से कोसी तक   लोधिया,खत्याडी,खोल्टा,पाण्डेखोला,स्यालीधार,मटेला के अतिरिक्त शैल,एन.टी.डी.,कसारदेबी एवं चितई,बाडेछीना आदि कस्बों और बाजारों से होते हुये राष्ट्रीय राजमार्ग बनाया गया है जिसके चौडीकरण के पश्चात अनेकों भवनों के टूटने एवं लोगों के रोजगार छिनने तथा उक्त मार्ग में एक बाईपास बनाने के सम्बन्ध में पूर्व में एक प्रतिनिधि मण्डल उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री माननीय श्री हरीश रावत जी के नेतृत्व में जिसमें माननीय सांसद (राज्य सभा) श्री प्रदीप टम्टा ,श्री महेन्द्रसिंह  माहरा उत्तराखण्ड के साथ स्वयं उनका भी मिलने का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ । प्रतिनिधि मण्डल द्वारा पूर्ण वस्तुस्थिति बताते हुये अवगत कराया गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग के चौडीकरण में क्षतिग्रस्त होने वाले भवनों जिनकी संख्या लगभग 2500 के करीब है जो सीधे तौर पर सडक के चौडीकरण के पश्चात अपने जीवन की पूंजी जिसे उनके द्वारा भवन अथवा रोजगार हेतु दुकान आदि बनायी गयी है से सीधे तौर पर हाथ धो बैठेंगे । श्री कर्नाटक ने कहा कि जहां एक ओर कोविड-19 के कारण हमारे क्षेत्र में बेरोजगारी चरम  सीमा पर पहुंच गयी है वहीं दूसरी ओर इस पर्वतीय क्षेत्र में  रोजगार के कोई अन्य साधन नहीं हैं । लोग  अपनी आजिविका के  लिये जीवन की पूरी पूंजी को एक दुकान आदि के लिये लगा कर अपना तथा परिवार का जिविकोर्पाजन कर रहे हैं ,सडक के चौडीकरण से इन परिवाराें का प्रभावित  होना स्वाभाविक है ।

   कर्नाटक द्वारा माननीय श्री नितिन गडकरी जी के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया कि उनके द्वारा प्रतिनिधि मण्डल को आश्वस्त किया गया था  कि किसी भी भवन को तोडा नहीं जायेगा और न ही लोगों के रोजगार को समाप्त किया जायेगा । उन्होने कहा कि आप द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग के उच्चाधिकारियों से चौंसली-कोसी मार्ग का निरीक्षण कर बाईपास  बनाने के आदेश निर्गत किये गये जिस  क्रम में राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों द्वारा स्थल  निरीक्षण कर उक्त मार्ग को बाईपास बनाने हेतु उपयुक्त पाते हुये निरीक्षण आख्या भारत सरकार को प्रेषित की गयी जिससे चौंसली से कोसी तक  लोधिया,खत्याडी,खोल्टा,पाण्डेखोला,स्यालीधार,मटेला तक बाईपास एवं इसके अतिरिक्त शैल,एन.टी.डी.,कसारदेबी  एवं चितई,पेटशाल,बाडेछीना आदि कस्बों और बाजारों में भी बाईपास बनाया जाना अत्यन्त आवश्यक है ,जिसकी सैधान्तिक स्वीकृत की कार्यवाही प्रारम्भ करवायी जाय । श्री कर्नाटक ने कहा कि केवल अल्मोडा जनपद में ही राष्ट्रीय राजमार्ग ने बाईपास का प्राविधान नहीं किया है जबकि अन्य छोटे-छोटे कस्बों में भी बाईपास प्रस्तावित कर पुराने शहरों,कस्बों व बाजारों को भी बचाने का प्रयास राष्ट्रीय राजमार्ग प्रशासन द्वारा किया जा रहा है किन्तु अच्छे व मजबूत नेतृत्व के अभाव के कारण केवल अल्मोडा में राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा कोई भी बाईपास का प्राविधान नहीं किया गया है ।

                                                उन्होंने सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार से मांग की कि पर्वतीय क्षेत्र की विषम भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखकर अन्य क्षेत्रों में बाईपास का प्राविधान किया गया है किन्तु ऐतिहासिक नगर अल्मोडा में यह प्राविधान नहीं  किया गया । अतः  समस्त परिस्थितियों को ध्यान में रखकर   तत्काल राष्ट्रीय राजमार्ग के उच्चाधिकारियों को निर्देशित करते हुये ऐतिहासिक व सांस्कृतिक नगर अल्मोडा में भी बाईपास निर्माण हेतु त्वरित कार्यवाही कर क्षेत्रवासियों को पूर्व में दिये गये आश्वासन से लाभान्वित कर अनुग्रहित करने की कृपा करैंगे ।