देहरादून। उत्तराखंड सरकार कोरोना को ले कर अब सख्त हो रही है पहले सरकार ने 31 मार्च तक स्कूल, कॉलेज, सिनिमा घर, आदि को बंद करने के आदेश दिए हैं। उत्तराखंड में महामारी एक्ट लागू होने के बाद यदि कोई व्यक्ति कोरोना प्रभावित है और वो इलाज से मना करता है तो सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। साथ ही इलाज से मना करने वाले अस्पतालों, मेडिकल कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि एक्ट के तहत यदि कोई व्यक्ति बीमारी का उपचार लेने से मना करता है तो उसे जिलाधिकारी जबरन इलाज देने के साथ ही आईसोलेशन में रख सकते हैं। इसी तरह यदि कोई प्राइवेट अस्पताल, मेडिकल कॉलेज डॉक्टर या मेडिकल टीम मरीज को उपचार से मना करती है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई कर सकती है।साथ ही निजी मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों को भी सरकार कोरोना के उपचार के लिए अधिगृहित कर सकती है। साथ ही यदि कोई मेडिकल स्टोर सैनिटाइजर, मॉस्क या दवाईयों की कालाबाजारी करता है उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। सरकार ने प्रदेश के होटलों में विदेशी पर्यटकों के ठहरने की सूचना तत्काल सीएमओ को देने को कहा है। यदि कोई भारतीय भी हाल फिलहाल विदेश से आया है, उनके ठहरने पर भी होटल सीएमओ को सूचित करेंगे। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि भारत सरकार से मिली सलाह के मुताबिक कोरोना बचाव के लिए हर किसी को मास्क लगाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि मास्क केवल बीमार, तीमारदार या फिर डॉक्टर, मेडिकल टीम के लिए ही जरूरी है। अन्य लोग बेवजह इसका इस्तेमाल नहीं करें। कौशिक ने बताया कि प्रदेश में बीमारी से निपटने के लिए हर तरह का साजो सामान उपलब्ध है। प्रदेश में इस समय 5197 एन-95, 1576 पीपी किट और 17 हजार ट्रिपल लेयर मास्क उपलब्ध हैं।