अल्मोड़ा-जिला विकास प्राधिकरण को समाप्त करने की मांग को लेकर सर्वदलीय संघर्ष समिति ने आज गांधी पार्क में धरना दिया तथा प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।इस अवसर पर समिति को अपना समर्थन देने पहुंचे उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व दर्जामंत्री बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि पिछले पांच वर्षों से प्रत्येक मंगलवार को स्थानीय जनता संघर्ष समिति के साथ गांधी पार्क चौघानपाटा अल्मोड़ा में धरना देकर प्रदेश सरकार से इसे वापस लेने की मांग कर रही है।लगातार ज्ञापन,धरनों के माध्यम से समिति सरकार से इस जनविरोधी प्राधिकरण को वापस लेने की मांग कर रही है।लगातार जनता परेशान होकर प्रदेश सरकार के खिलाफ आन्दोलन करने को मजबूर है।लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश सरकार को जनता की परेशानियों से कुछ भी लेना देना नहीं है।उन्होंने कहा कि पांच वर्ष पूर्व नवम्बर 2017 में प्रदेश सरकार ने अव्यवहारिक तरीके से अल्मोड़ा सहित पूरे पर्वतीय क्षेत्र में प्राधिकरण लागू कर दिया था।जिसके विरोध में नवम्बर 2017 में सर्वदलीय संघर्ष समिति का गठन किया गया था तथा तबसे लगातार समिति जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को समाप्त करने की मांग को लेकर प्रत्येक मंगलवार को समिति धरना देती आ रही है जो बदस्तूर जारी है।उन्होंने कहा कि भाजपा की इस सरकार में जनहित के इतने बड़े मुद्दे की लगातार अनदेखी की जा रही है।जनता के विरोध एवं पांच साल से चल रहे धरने से भी सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही।उन्होंने कहा कि दो दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बयान के बाबजूद प्रदेश सरकार ने इसे स्थगित कर मामले की इतिश्री कर ली।उन्होंने कड़े शब्दों में प्रदेश सरकार से मांग की है कि अविलंब इस जिलास्तरीय विकास प्राधिकरण को समाप्त करें तथा भवन मानचित्र स्वीकृति सम्बन्धित समस्त अधिकार नगरपालिकाओं को वापस दे।उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होने की स्थिति में प्रदेश सरकार के खिलाफ आन्दोलन और उग्र किया जाएगा।धरना प्रदर्शन में नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी,पूर्व दर्जामंत्री बिट्टू कर्नाटक,कांग्रेस जिलाध्यक्ष पीताम्बर पाण्डेय, उपपा की आनन्दी वर्मा,चन्द्र कान्त जोशी,हेम चन्द्र जोशी,प्रदीप तिवारी,प्रतेश कुमार पाण्डे,नवीन चन्द्र जोशी,ललित मोहन पन्त,रोहित शैली, देवेन्द्र कर्नाटक,हेम जोशी,देव सिंह टंगड़िया,प्रताप सत्याल,हेम तिवारी सभासद,नारायण दत्त पाण्डेय, शहाबुद्दीन सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।