देहरादून। कई सालों से प्रदेश में जलीय आपदा और उससे होती दुर्घटनाओं की अप्रत्याशित रूप से बढ़ती संख्या को देखते हुए उत्तराखण्ड में माह अक्टूबर में आई आपदा के उपरान्त पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड, अशोक कुमार ने एस डी आर एफ में पूर्व से गठित फ्लड रिलीफ टीम की कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए पुलिस की ही अन्य इकाईयों से कुशल कर्मियों को चयनित कर दूसरी फ्लड रिलीफ कंपनी को गठित करने का निर्णय लिया गया था। जलीय आपदा में प्रतिवादन करने को वर्तमान में एसडीआरएफ की एक विशेषज्ञ फ्लड रिलीफ टीम द्वारा गंगा, यमुना, काली नदी, टौंस, टिहरी झील सहित अनेक स्थानीय नदियों में सैंकड़ों रेस्क्यू ऑपरेशनस किये गए है।

एस डी आर एफ सेनानायक मणिकांत मिश्रा के पर्यवेक्षण में 03 मार्च 22 से फ्लड कंपनी के लिए चयनित 30 अभ्यर्थियों को वाहिनी मुख्यालय जॉलीग्रांट में 42 दिवसीय बेसिक फर्स्ट रेस्पांडर कोर्स के साथ-साथ एडवांस राफ्टिंग कोर्स, लाइफ सेविंग कोर्स, मोटर बोट हैंडलिंग प्रशिक्षण व डीप डाइविंग प्रशिक्षण कराया गया। 

42 दिवसीय प्रशिक्षण के उपरांत प्रशिक्षित जवान एस डी आर एफ  की फ्लड कंपनी में सम्मिलित हो गए है। जलीय आपदा/दुर्घटना संभावित व संवेदनशीलता के आधार राज्य भर के 08 स्थानों ढालवाला, कोटि कॉलोनी, डाकपत्थर, लक्सर, चिन्यालीसौड़, नैनीताल, 31bn. PAC, रुद्रपुर व टनकपुर में एस डी आर एफ फ्लड कंपनी की टीमों को आधुनिक उपकरणों के साथ व्यवस्थापित किया गया है।