रविवार ग्रामसभा धामस में दर्जनों महिलाओं और पुरूषों ने उत्तराखंड क्रांति दल का दामन थाम ग्रामसभा धामस के बुजर्ग शेर सिंह ने अपने वक्तव्य में राष्टीय पार्टीयों पर जनता को बारी बारी से छलने का आरोप लगाया वहीं ग्रामसभा के नवयुवक सुनील कुमार और दीपक बिष्ट ने अपने वक्तव्य में कहा कि बीजेपी और कांग्रेश ने विधानसभा अल्मोड़ा के नवयुवकों के सांथ छल किया है पहले कांग्रेश ने रोजगार के नाम पर नवयुवकों को लुभाया वहीं 2017 में बीजेपी ने नवयुवकों को रोजगार की गारंटी का हवाला देकर उनके बोट बटोरे परन्तु आज तक नवयुवक बेरोजगारी का दंस झेलने को मजबूर हैं, वहीं ग्रामसभा की महिलाओं ने भी अपने वक्तव्य में कहा कि एक ओर महिला सशक्तिकरण की बात करने वाले ये राष्टीय दलों ने ग्रामीण महिलाओं की हमेशा अनदेखी की , वहीं उत्तराखंड क्रांति दल विधायक प्रत्याशी भानु प्रकाश जोशी ने ग्रामसभा धामस के ग्रामीणों को संबोधित करते हुवे कहा कि राष्टीय पार्टियों ने विगत इक्कीस वर्षों में है हमेशा अल्मोड़ा विधानसभा की जनता की अनदेखी की , उन्होंने कहा कि जनता उन्हें अपना प्रतिनिधि बनाकर विधानसभा भेजने का सौभाग्य प्रदान करती है तो उनके द्वारा प्रत्येक ग्राम स्तर पर छोटे छोटे लघु उधोग विकसित किये जायेंगे जिसमे मोमबत्ती उधोग, अगरबत्ती उधोग, बुनाई उधोग, कड़ाई उधोग, से विधानसभा अल्मोडा की मातृ शक्ति एवं नवयुवकों को जोड़ने का कार्य किया जाएगा , जिससे रोजगार के लिए शहरों की ओर पलायन कर रहे नवयुवकों को उनके ग्रामसभा में ही रोजगार मिल सकेगा और पलायन पर भी अंकुश लगेगा , वहीं उन्होंने ग्रामसभा की जनता को बताया कि उनके द्वारा जिलाधिकारी अल्मोडा को 2100 रुपये का स्टाम्प पेपर दिया गया है जिसमे साफ लिखा गया है कि जनता जोशी को विधायक बनाती है तो जो लाखों रुपये तनख्वा और पेंसन के रूप में उन्हें मिलेगा उसे वे नही लेंगे वह पैसा विधानसभा की जनता के विकास कार्यों में खर्च होगा , जोशी ने खुले मंच से पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक को चुनोती भी दी कि यदि वे अपने आप का जनता का सच्चा हितेषी मानते है तो सर्वप्रथम जो लाखों रुपया तनख्वा और पेंसन के नाम पर वे ले रहे है उसे जनता के नाम करें उसके बाद वे जनता के बीच वोट मांगने जाएं ।

कार्यक्रम में किशन सिंह, पान सिंह, देवेंद्र सिंह, पप्पू सिंह, दीवान सिंह, पान सिंह, महेश सिंह, डूंगर सिंह, शेर सिंह, त्रिलोक राम, गंगा राम, सुंदर राम, गुड्डू राम, पनि राम, शांति राम, बचे सिंह, मोहन सिंह आदि लोगों ने उक्रांद का दामन थामा।