जिलाधिकारी वन्दना की अध्यक्षता में बुधवार को जनपद में गठित पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक नवीन कलैक्ट्रेट  में सम्पन्न हुई। सर्वप्रथम बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 उदय शंकर द्वारा समिति की गत बैठक में जिलाधिकारी द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में विभिन्न विभागों द्वारा की गयी कार्यवाही के सम्बन्ध में जिलाधिकारी को अवगत कराया।  गत बैठक में सभी नगरीय क्षेत्रों में नगर पालिका व नगर पंचायत द्वारा आवारा श्वान पशुओं का बध्याकरण किए जाने के सम्बन्ध में की गयी कार्यवाही से जिलाधिकारी को अवगत कराया। बैठक में अधिशासी अधिकारी नगरपालिका द्वारा अवगत कराया गया कि इस हेतु प्रस्ताव तैयार किए जा रहे है। जिलाधिकारी ने नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी को निर्देश दिये कि आवारा श्वान पशुओं के बध्याकरण हेतु वार्षिक प्लान व आगणन तैयार कर शासन को प्रेषित करना सुनिश्चित करें। तथा उसी के अनुरूप कार्य करें।
                            जिलाधिकारी ने कहा कि जिन-जिन क्षेत्रों में श्वान पशुओं के कारण विशेष रूप से बच्चों को अधिक खतरा पैदा हो रहा है ऐसे स्थानों में यथाशीघ्र पशुपालन विभाग व नगर निकाय संयुक्त अभियान चलाकर इन्हें पकड़ने की कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि जनपद के सभी अधिशासी अधिकारियों की यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है कि वे अपना दायित्व समझ कर कार्य करें इस कार्य में लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। जिलाधिकारी ने कहा कि इन आवारा श्वान पशुओं को पकड़ने हेतु प्रत्येक 15 दिन में पशुपालन विभाग व नगर विकास विभाग अभियान चलायेंगे। उन्होंने कहा कि पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के अन्तर्गत जो भी व्यक्ति पशुओं को किसी भी प्रकार से हानि पहुॅचा रहा है तो उसके खिलाफ इस अधिनियम के तहत सख्त से सख्त कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए प्राथमिकी दर्ज की जाय। उन्होंने अधिशासी अधिकारी नगर निकायों को निर्देश दिये कि शहरी क्षेत्रों में घूम रहे आवारा पशुओं को टैग के माध्यम से चिन्हीकरण कर पशु स्वामियों के विरूद्व उचित कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।
                               बैठक में जिलाधिकारी ने जनपद में पंजीकृत गौशालाओं को दिये जा रहे सहायता अनुदान की समीक्षा के दौरान बैठक में वर्चुअल माध्यम से उपस्थित सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि उनके क्षेत्रान्तर्गत जो गौ सदन अच्छा कार्य कर रहे हैं उनका पशु कल्याण बोर्ड में पंजीकरण  कराये जाने हेतु उन्हें प्रेरित करने के साथ ही उनकी सूची भी जिला कार्यालय को उपलब्ध करायें। बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने अवगत कराया कि जनपद में पंजीकृत 05 संचालित गौशालाओं को वर्ष 2017-18 से वर्तमान तक पशु कल्याण बोर्ड के माध्यम से कुल 54 लाख 18 हजार रू0 की आर्थिक धनराशि उपलब्ध करा दी गयी है। जिलाधिकारी ने कहा कि अन्य गौशालायें जो पंजीकृत नहीं है उन्हें भी पंजीकृत करते हुए आर्थिक धनराशि उपलब्ध करायें। उन्होंने नगरीय क्षेत्रों में ग्रामीणों द्वारा छोड़े गये आवरा पशुओं को गौ सदन में भेजने की कार्यवाही करने के भी निर्देश दिये। इस बैठक में मुख्यपशु चिकित्साधिकारी सहित पशु कू्ररता निवारण समिति के सदस्य उपस्थित रहे।