उत्तराखंड डायट डीएलएड संघ के सभी जनपदों के पदाधिकारियों की ऑनलाइन मीटिंग आयोजित की गई जिसमें दिनांक 6 जनवरी 2021 को NIOS डीएलएड की वैधता के सम्बन्ध में NCTE द्वारा जारी पत्र का संज्ञान लेते हुए चर्चा की गई, जिसमें पदाधिकारियों ने NIOS से 18 महीने के डीएलएड डिप्लोमाधारियो को राजकीय प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल करने की चल रही बात पर कड़ा विरोध जताया।

उक्त मीटिंग में सभी वक्ताओं द्वारा कहा गया कि NIOS से 18 महीने का डीएलएड सिर्फ इन लोगों को कराया गया था जो अप्रशिक्षित होते हुए भी निजी शिक्षण संस्थानों में शिक्षण कार्य कर रहे थे, NIOS द्वारा सिर्फ एक बार के लिए कराया गया यह प्रशिक्षण सिर्फ सेवारत अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए था, यह प्रशिक्षण किसी भी आधार पर राज्यस्तरीय प्रतियोगी परीक्षा द्वारा चयनित उम्मीदवारों को राज्य की डायटों में दिए जाने वाले द्विवर्षीय प्रशिक्षण के समकक्ष नहीं हो सकता।

6 जनवरी को NCTE ने पत्र जारी कर उक्त NIOS डीएलएड प्रशिक्षितों को राज्यों की सरकारी प्राथमिक विद्यालयों की शिक्षक भर्ती में शामिल करने ना करने का निर्णय पूर्ण रूप से राज्यों की सरकारों पर ही छोड़ा है।

अतः उत्तराखंड डायट डीएलएड संघ के अध्यक्ष पवन मुस्यूनी ने कहा कि यदि वर्तमान में चल रही प्राथमिक शिक्षक भर्ती के बीच में नियमावली में संशोधन करके NIOS डीएलएड को शामिल किया जाता है तो संघ द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा।

डायट डीएलएड संघ के प्रदेश प्रवक्ता जितेंद्र नैनवाल ने कहा कि बार बार बीएड वालों की याचिकाओं के कारण उत्तराखंड में विगत 3 वर्षों से प्राथमिक शिक्षक भर्ती नहीं हो पाई हैं, उन्होंने बीएड संघ से अनुरोध किया कि लंबित दायर याचिकाओं को वापस लें राज्य के नौनिहालों समेत प्रशिक्षितों के भविष्य को देखते हुए वे इस भर्ती को पूरा होने दें। अन्यथा हिमाचल प्रदेश,दिल्ली बीएड को प्राथमिक से बाहर का रास्ता दिखाने हेतु माननीय उच्च न्यायालय की शरण ली जायेगी ।

इस अवसर पर सभी जनपदों के प्रशिक्षित मौजूद रहे। अल्मोड़ा से पवन मुस्यूनी, केवल प्रसाद, धीरेन्द्र खाती,मदन फत्र्याल,सौरभ कांडपाल, कविता गैड़ा,दिव्या तिवारी इत्यादि लोग मौजूद रहे।