जिलाधिकारी वन्दना ने जिले के समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये है कि अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत वनाग्नि की रोकथाम एवं वनाग्नि के दुष्प्रभावों से आम जनमानस को अवगत कराये जाने हेतु खण्ड विकास अधिकारियों, राजस्व विभाग के कार्मिकों, पुलिस विभाग, पंचायतीराज विभाग, ग्राम प्रधानों, सरपंचों, वन विभाग के कार्मिकों, स्वंयसेवी संस्थाओं, महिला मंगल दलों, नवयुवक मंगल दलों, ग्राम प्रहरियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं आम जनमानस के साथ बैठक करते हुए जून माह तक किसी भी प्रकार के कृषि अपशिष्ट, घरेलू केड़ा आदि को वन क्षेत्रों के निकट न जलायें जाने तथा जिन क्षेत्रों में विगत वर्षाे में अधिक वनाग्नि की घटनायें हुई है, के समीप कूड़ा, कृषि अवशेष आदि जलाये जाने को पूर्णतः प्रतिबन्धित किये जाने के सम्बन्ध में अवगत कराने के साथ-साथ जनपद में हो रही वनाग्नि की घटनाओं में विभिन्न विभागों, जनसामान्य एवं नागरिक संगठनों का सहयोग लेकर वन विभाग को वांछित सहायता उपलब्ध कराये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करेंगे।
                               जिलाधिकारी ने कहा कि वनाग्नि की घटनाओं से बहुमूल्य राष्ट्रीय वन सम्पदा की अपूर्णीय क्षति होती है, विगत वर्षों में भी वनाग्नि से हुई हानि को देखते हुए इस वर्ष प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। इसके लिए सभी सम्बन्धित जनमानस का विशेष रूप से ध्यान आकर्षित किया जाना आवश्यक है। वनों पर ग्रामीणों की अत्यधिकता निर्भरता रहती है। वनाग्नि की रोकथाम हेतु राजकीय विभागों, स्थानीय जनता व सामाजिक कार्यकर्ताओं का सहयोग प्राप्त किया जाना आवश्यक है।
                             जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत सड़क से लगे ऐसे वनों का भी चिन्हिकरण करेंगे जो वनाग्नि के लिए संवेदनशील है, साथ ही वनाग्नि की घटनाओं के प्रतिदिन का विवरण तैयार करते हुए जंगलों में अराजक तत्वों द्वारा आग लगाये जाने पर सम्बन्धितों की पहचान कर दण्डात्मक कार्यवाही करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने निर्देश दिये कि अपने-अपने स्तर पर एक सप्ताह अन्तर्गत बैठकें सम्पन्न करते हुए प्रत्येक खण्ड विकास अधिकारी के माध्यम से न्याय पंचायत स्तर पर भी जन जागरूकता अभियान चलाया जाना सुनिश्चित करेंगे।