केशर सिंह पुत्र हीरा सिंह निवासी दौलीगाड पो० ओ० दौलीगाड जिला अल्मोड़ा।

प्रार्थी / अभियुक्त बनाम राज्य सरकार धारा 363.366 भारतीय दण्ड संहिता एफआईआर संख्या 12/ 2022 चालानी थाना- दन्या जिला अल्मोडा

अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता दीप चन्द्र जोशी, कृष्णा बाराकोटी

पंकज बजेठा, सुनील कुमार ग्वाल और निखिलेश पवार ने pervi की और राज्य की ओर से विद्वान विशेष अभियोजक पोक्सो भूपेन्द्र कुमार जोशी द्वारा पैरवी की गई। जिसमे आदेश 03.08.2022 प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र अभियुक्त केशर सिंह की ओर से चालानी थाना दन्या जिला अल्मोड़ा के एफ0आई0आर0 संख्या 12/2022 अन्तर्गत धारा 363 एवं 366 भारतीय दण्ड संहिता में अभियुक्त को जमानत पर रिहा किये जाने हेतु दिया गया है।

 

2 जमानत प्रार्थना पत्र में अभियुक्त द्वारा कथन किया गया कि उसे उक्त मामले में झूठा फँसाया गया है उसके द्वारा उपरोक्त धाराओं में कोई अपराध नहीं किया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त से कोई रिकवरी नहीं हुई है। अभियुक्त के विरूद्ध धारा 363 एवं 366 भारतीय दण्ड संहिता का अपराध नहीं बनता है उसके विरुद्ध विधिपूर्ण संरक्षण से व्यपहरण तथा विवाह को विवश करने के लिये व्यपहरण, के तथ्य भी अभिलिखित नहीं है।

अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 25.7.2022 से न्यायिक अभिरक्षा में है तथा वादी मुकदमा तथा अभियुक्त अगल-बगल के गाँव के निवासी हैं तथा एक दूसरे से अच्छी तरह से परिचित हैं। वादी मुकमदा अभियुक्त से रंजिश रखता है जिस कारण उसके विरुद्ध यह रिपोर्ट लिखाई गई है। अभियुक्त 27 वर्ष का नवयुवक है और अपने परिवार का एकमात्र कमाऊ व्यक्ति है। जमानत होने की दशा में अभियुक्त जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा ।

 

3. अभियोजन पक्ष के द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया तथा विवेचना अधिकारी की लिखित आपत्ति 8ख / 1-8ख / 2 दाखिल की जिसमें कथन किया गया कि वादी मुकदमा की तहरीर पर अभियुक्त के विरूद्ध धारा 363 एवं 366 भारतीय दण्ड संहिता का मुकदमा पंजीकृत हुआ है तथा अभियुक्त के कब्जे से नाबालिक पीड़िता को बरामद किया गया है। पीड़िता के द्वारा अपने धारा 161 व धारा 164 दण्ड प्रक्रियां संहिता के बयानों में बताया है कि वह घर से स्कूल जाने के लिये दिनांक 23.7.2022 को सुबह तैयार होकर निकली थी लेकिन रास्ते में बारिश होने के कारण वह दन्या ही रूक गई जहाँ उसे अभियुक्त मिला जिसे पीड़िता पहले से जानती थी तथा अभियुक्त पीड़िता के परिजनों को बिना बताये अपने साथ हरियाणा में शादी करने के उद्देश्य से हल्द्वानी ले गया। यदि अभियुक्त को जमानत दी जाती है तो वह नाबालिग पीड़िता और उसके परिवारजनों को डरा धमका सकता है तथा साक्ष्य से छेड़खानी कर सकता

 

है।

 

4. अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता श्री दीप चन्द्र जोशी तथा अभियोजन की ओर से विद्वान विशेष अभियोजक पोक्सो श्री भूपेन्द्र कुमार जोशी को सुना तथा पुलिस प्रपत्रों का परिशीलन किया।

 

5. संक्षेप में अभियोजन कथन इस प्रकार है कि दिनांक 24.7.2022 को यादी मुकदमा के द्वारा एक लिखित रिपोर्ट थाना दन्या में इस आशय की दी कि उसकी पुत्री दिनांक 23.7.2022 को घर से स्कूल के

 

लिये निकली परन्तु स्कूल नही पहुँची। बहुत खोजबीन करने के बाद भी उसका पता नहीं चल पाया। वादी मुकदमा को यह पता चला कि उसकी पुत्री को अभियुक्त केशर सिंह बहला फुसला कर ले गया है। वादी मुकदमा के घर से 6 तोला सोना और पच्चीस हजार रूपये गायब हैं तथा उनको विश्वास है कि उसकी पुत्री ने ये सब अभियुक्त को दिये हैं। अतः रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही करने की प्रार्थना की गई। उक्त लिखित रिपोर्ट के आधार पर थाना दन्या जिला अल्मोड़ा में अभियुक्त के विरूद्ध अन्तर्गत धारा 363 एवं 366 भारतीय दण्ड संहित के अन्तर्गत मामला दर्ज हुआ दौरान विवेचना दिनांक 25.7.2022 को पीड़िता को वर्तमान अभियुक्त के साथ बरामद किया गया। पीड़िता के धारा 161 एवं 164 दण्ड प्रक्रियां संहिता के बयान अंकित कराये गये।

 

6. अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है और उसके द्वारा पीडिता को कभी भी बहलाया फुसलाया नहीं गया।

 

7 इसके विपरीत विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी द्वारा कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा पीडिता, जो कि एक नाबालिग है, को बहला फुसला कर उसका विधिपूर्ण संरक्षण से व्यपहरण किया गया जो एक जघन्य अपराध है।

 

8. उसके वर्तमान मामले में अभियुक्त पर यह आरोप है कि द्वारा पीड़िता का विधिपूर्ण संरक्षण से व्यपहरण किया गया। इस सम्बन्ध में पीड़िता के द्वारा अपने धारा 161 दण्ड प्रक्रिया संहिता के बयानों में कहा गया कि वह दिनांक 23.7.2022 को अपने स्कूल जा रही थी तो बारिश आ गई और वह केशर सिंह के होटल में गई। अपने धारा 161 दण्ड प्रक्रिया संहिता के बयानों में पीड़िता के द्वारा यह भी कहा गया कि केशर सिंह ने उसके साथ कुछ गलत नहीं किया। अपने धारा 164 दण्ड प्रक्रिया संहिता के बयानों में भी पीड़िता के द्वारा स्वयं बारिश होने के कारण दन्या रूकना स्वीकार किया गया है। अभियुक्त और पीड़िता एक ही

 

गाँव के रहने वाले हैं। पीड़िता के स्वयं के बयानों से इस स्तर पर यह दर्शित नहीं होता है कि वर्तमान अभियुक्त के द्वारा उसे बहलाफुसला कर ले जाया गया और उसके साथ कुछ गलत किया गया। माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा किमिनल अपील संख्या 592 वर्ष 2022 मफत लाल प्रति राजस्थान राज्य निर्णित दिनांक 28 मार्च 2022 में यह अवधारित किया गया है कि

 

“Kidnapping would necessarily involve enticing or taking away any minor under eighteen years of age if a female for the offence under Section 363 I.P.C.M

 

9. उक्त न्याय निर्णय में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा यह भी अवधारित किया गया है कि “Section 366 IPC would come into play only where

 

there is a forceful compulsion of marriage, by kidnapping

 

or by inducing a woman.”

10. वर्तमान मामले में पीड़िता के द्वारा अपने बयान अन्तर्गत धारा 10. 161 एवं 164 दण्ड प्रक्रिया संहिता में स्पष्ट रूप से कथन किया है कि वह स्वयं अपनी मर्जी से वर्तमान अभियुक्त के पास गई थी। अभियोजन के द्वारा इस स्तर पर यह कही भी दर्शित नहीं किया गया है अभियुक्त के द्वारा पीड़िता को विवाह के लिये जबरदस्ती मजबूर किया गया। अभियुक्त दिनांक 25.7.2022 से न्यायिक हिरासत में है और अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास अभियोजन पक्ष की ओर से दर्शित नहीं किया गया है। अतः उक्त परिस्थितियों को देखते हुये तथा माननीय उच्चतम न्यायालय के उपरोक्त न्याय निर्णय के आलोक में इस स्तर पर मामले के गुण दोष पर कोई टिप्पणी ना करते हुये न्यायालय इस मत का है कि अभियुक्त को जमानत पर रिहा किये जाने के आधार पर्याप्त हैं और अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकृत होने योग्य है।

                    आदेश

 

11. जमानत प्रार्थना पत्र संख्या 101 / 2022 स्वीकृत किया जाता है।

 

12.अभियुक्त केशर सिंह को मुब० 30,000/- (रू० तीस हजार), का एक स्व-बन्ध पत्र तथा समान राशि के दो प्रतिभू दाखिल करने पर जमानत पर रिहा किया जाता है।