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सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय,अल्मोड़ा के पंडित दीन दयाल उपाध्याय व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास केंद्र में परामर्शदात्री समिति की बैठक कुलपति प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि व्यावसायिक अध्ययन केंद्र के द्वारा बहुत अच्छे पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है जो इस पर्वतीय प्रदेश के युवा छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है। रोजगार दिलवाने में इन पाठ्यक्रमों को लेकर छात्रों की रुचि बढ़ रही है। भविष्य में इनका लाभ हमारे ग्रामीण परिवेश के युवाओं को मिल रहा है। व्यावसायिक केंद्र द्वारा रोजगारोन्मुख करने वाले पाठ्यक्रमों से उद्योगों आदि में प्लेसमेंट मिलेगी। आने वाले समय में इन पाठ्यक्रमों से इस पर्वतीय क्षेत्र का विकास भी संभव हो सकेगा।

बैठक में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में छात्रों की प्रवेश की अर्हता यूजीसी के मानकानुसार रखने, व्यावसायिक अध्ययन केंद्र से कोर्स किये हुए छात्रों को डिप्लोमा और डिग्री प्रदान किये जाने, व्यावसायिक शिक्षा केन्द्र द्वारा संचालित सभी पाठ्यक्रमों को नवीन शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप संचालित करने,व्यावसायिक अध्ययन केंद्र के पाठ्यक्रमों के मूल्यांकन प्रणाली को और अधिक सुदृढ करने, केंद्र की प्रचार प्रसार की प्रक्रिया को बढ़ाने आदि को लेकर विस्तार से समिति द्वारा मंथन किया गया।
अध्ययन केन्द्र के निदेशक डॉ देवेंद्र सिंह बिष्ट ने अध्ययन केन्द्र के द्वारा संचालित होने वाले पाठ्यक्रम और भावी योजनाओं की विस्तार से रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों के लिए 9 ट्रेनिंग पार्टनर हैं। जिनमें स्मार्ट स्किल सोसाइटी, ड्रीम शॉपर्स सोसाइटी, एवालों अकेडमी देहरादून, रॉयल कॉलेज ऑफ टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट,हल्द्वानी, खटीमा इंस्टीटूट ऑफ टेक्नोलॉजी ऑफ मैनेजमेंट,खटीमा, भूमि आई टी इनोवेटर्स प्राइवेट लिमिटेड, डॉ सुशीला तिवारी इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट,हल्द्वानी, मानस कॉलेज ऑफ साइंस टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट,पिथौरागढ़, सेंट एडम्स इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, गरुड़ हैं। इन पार्टनर्स के माध्यम से हमारे विद्यार्थी प्रशिक्षित हो रहे हैं।
परामर्शदात्री समिति के सदस्य प्रो के के पांडे,
श्री विनीत सिंघल, डॉ महेंद्र राणा, प्रो एम एम जिन्नाह (संकायाध्यक्ष, वाणिज्य), वित्त अधिकारी श्री हेमेंद्र गंगवार,श्री सुनील पेटवाल, श्री कुलदीप पेटवाल आदि ने विस्तार से सुझाव प्रस्तुत किये।
इस अवसर पर डॉ मनीष त्रिपाठी, डॉ ललित जोशी, विपिन जोशी (वैयक्तिक सहायक),देवेंद्र पोखरिया, दीवान, गोविंद मेर,रवि अधिकारी, गोविंद रावत
आदि ने सहयोग दिया।