अल्मोड़ा-पूर्व प्रधानमंत्री स्व०राजीव गांधी की जयन्ती पर कांग्रेसजनों ने जिला कांग्रेस कार्यालय में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये।इस अवसर कांग्रेस जिलाध्यक्ष पीताम्बर पाण्डेय ने कहा कि भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पुत्र राजीव गांधी का जन्म मुंबई में 20 अगस्त 1944 को हुआ था।भारत को आजाद होने में अभी तीन वर्ष बाकी थे।वे ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने आजादी के उस संघर्ष को नहीं देखा,जिसमें उनके परिवार के अन्य सदस्य शामिल थे।राजीव गांधी के जन्म के समय उनके नाना पंडित जवाहरलाल नेहरू अपनी 9वीं और अंतिम जेल यात्रा पर थे।उनकी मां इंदिरा गांधी खुद 15 महीने पहले ही जेल से छूटी थीं और पिता फिरोज गांधी सिर्फ एक वर्ष पहले जेल से छूटे थे।राजीव गांधी ने अपना बचपन अपने दादा के साथ तीन मूर्ति हाउस में बिताया,जहां इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री की परिचारिका के रूप में कार्य किया था।वे कुछ समय के लिए देहरादून के वेल्हम स्कूल भी गए लेकिन जल्द ही उन्हें हिमालय की तलहटी में स्थित आवासीय दून स्कूल में भेज दिया गया।स्कूल से निकलने के बाद राजीव गांधी ने कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए,लेकिन जल्द ही वे वहां से हटकर लंदन के इम्पीरियल कॉलेज चले गए।उन्होंने वहां से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि स्वर्गीय राजीव गांधी 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 24 घंटे के भीतर देश के प्रधानमंत्री बन गए थे।वे राजीव गांधी ही थे,जिन्होंने भारत के लोगों को 21वीं सदी का सपना दिखाया था।21 मई 1991 में लिट्‍टे के आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की मौत हुई थी। राजीव की पुण्यतिथि को देश आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में भी मनाता है।प्रधानमंत्री रहते हुए स्व० गांधी ने कई ऐसे काम किए,जिन्होंने देश की दिशा बदल दी।उन्होंने कहा कि युवाओं को मताधिकार का अधिकार 18 साल की उम्र में राजीव गांधी की ही देन है।राजीव गांधी ही थे, जिन्होंने वोटिंग की उम्र 21 साल से घटाकर 18 वर्ष की थी।कहा जाता है कि जिस समय यह फैसला लिया गया था,उस समय करीब 5 करोड़ युवाओं को वोट देने का अधिकार मिला था।नगर अध्यक्ष पूरन सिंह रौतेला ने कहा कि भारत में कंप्यूटर और संचार क्रांति का श्रेय राजीव गांधी को ही जाता है। स्व० गांधी का मानना था कि देश की युवा पीढ़ी को आगे ले जाना है तो उसके लिए कंप्यूटर और विज्ञान की शिक्षा जरूरी है।प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने विज्ञान और टेक्नोलॉजी के लिए सरकारी बजट को बढ़ाया। कंप्यूटर की कीमतें घटाने के लिए राजीव ने अहम फैसला लिया।उन्हें इसे सरकारी नियंत्रण से बाहर किया और असेंबल कंप्यूटर्स का आयात शुरू किया।देश की 2 बड़ी टेलीकॉम कंपनी एमटीएनएल और वीएसएनएल की शुरुआत उनके कार्यकाल में ही हुई।जब वर्ष 1986 में एमटीएनएल और वीएसएनएल जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों की स्थापना हुई और जिसे राजीव गांधी के कार्यालय में विकसित किया गया।उस युग में जहां टेलीफोन एक कीमती चीज मानी जाती थी और जिसे सिर्फ अमीर लोगों के विचार पर ही स्थापित किया गया था,राजीव ने उसे आम जन के लिए संभव बना दिया था।जिसके चलते सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्रांति का भी उदय हुआ।महिला जिलाध्यक्ष लता तिवारी ने कहा कि स्व० राजीव गांधी ने ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के उद्देश्य से जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना की।वर्तमान में लगभग हर जिले में एक नवोदय विद्यालय है और स्थिति ऐसी है कि शहरी क्षेत्र के बच्चे भी नवोदय स्कूलों में प्रवेश ले रहे हैं।राजीव ने यह फैसला 1986 में घोषित शिक्षा नीति के तहत लिया था।श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कांग्रेस जिलाध्यक्ष पीताम्बर पाण्डेय,विधायक मनोज तिवारी, महिला जिलाध्यक्ष लता तिवारी,प्रदेश सचिव गोपाल चौहान,पीसीसी सदस्य हर्ष कनवाल,जिला प्रवक्ता राजीव कर्नाटक,जिला सचिव दीपांशु पाण्डेय,नगर सचिव प्रेम मनराल, ज्योति त्यागी,नगर उपाध्यक्ष महेश चन्द्र आर्या,नगर उपाध्यक्ष नारायण दत्त पाण्डेय,रमेश नेगी,जया जोशी,रोहन कुमार आर्या,शहाबुद्दीन, सलीम अख्तर,प्रदेश सचिव राबिन मनोज भण्डारी,सरस्वती रोडियो,सुन्दर सिंह बिष्ट,जगदीश लटवाल,फाकिर खान,चन्दन सिंह लटवाल,महिपाल प्रसाद,चन्दन कनवाल सहित दर्जनों कांग्रेसजनों उपस्थित रहे।