भारतीय जनता पार्टी अल्मोड़ा के पूर्व जिलाध्यक्ष व जिलासहकारी बैंक के अध्यक्ष ललित लटवाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा आज के दिन में 1975 को तत्कालीन कॉंग्रेस सरकार ने आपातकाल लगा दिया था 25 और 26 जून के बीच की रात इंदिरा गांधी ने देश के इतिहास में आपातकाल यानी इमरजेंसी का काला अध्याय लिख डाला. ये वो दौर नहीं था कि जब लोग नारे लगा कर आजादी मांगते थे, बल्कि ये वो दौर था जब लोगों ने सचमुच अपनी आजादी खो दी थी. 1975 में आज ही के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगा दी थी. कॉंग्रेस ने इस कृत्य के लिए आज तक माफी नही मांगी न ही कभी खेद प्रकट किया और यही कॉंग्रेस की कार्यशैली रही है केवल सत्ता के लिए खेल खेलने वाली कॉंग्रेस ने कभी भी देश हित मे नही सोचा चाहे वो इंद्रा गांधी की सरकार हो या पंडित नेहरू की , पंडित नेहरू के कार्यकाल में जहाँ भारत ने चीन से 42000 वर्ग किलोमीटर की जमीन खोई वही पंडित नेहरू द्वारा 1960 संयुक्त राष्ट्र संघ के स्थाई सदस्य के अपना नाम छोड़कर चीन का नाम लिया जिसका खामियाजा वर्तमान तक पूरा देश भुगत रहा है,वही इंद्रा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल जो कि 21 महीने चला भारतीय लोकतंत्र का काला काल था जिसमे लोगो से बोलने की आजादी तक छीन ली गयी, इसका विरोध करने वालो को जबरन जेल में ठूस दिया गया ,जिसमे भारतीय जनसंघ के अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सहित जय प्रकाश नारायण जैसे कई महान जननायक रहे, और कॉंग्रेस की यही कार्यशैली भी रही है कि वो केवल और केवल अपने लिए सोचती है क्योंकि इंद्रा गांधी के चुनाव को कोर्ट द्वारा अवैध घोषित किये जाने के बाद पूरे देश को आपातकाल में धकेल देना इसका जीवंत उदाहरण है वही कृत्य आज भी कॉंग्रेस कर रही है और अभी उसमें राजशाही वाला रवैय्या है जो कि लोकतंत्र के लिए घातक है ,