भाकृअनुप- विवेकानन्द पवर्तीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, अल्मोड़ा, उत्तराखंड में 08 माचर्, 2022 को अंतरार्ष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। कायर्क्रम का शुभारम्भ परिषद गीत से किया गया। इस कायर्क्रम की मुख्य अतिथि महिला कल्याण संस्था की अध्यक्षा श्रीमती रीता दुगार्पाल ने लैंगिक समानता को औपचारिकता के स्थान पर धरातल पर लाने पर विषेष बल दिया। उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा को एक आवश्यक घटक बताया। डॉ. लक्ष्मीकान्त, निदेशक भाकृअनुप- विवेकानन्द पवर्तीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, अल्मोड़ा ने अपने अध्यक्ष भाषण में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लेख करते हुए विभिन्न प्रकार की समानताओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह विचारणीय है कि लैंगिक असमानता हेतु महिलाए स्वयं ही जिम्मेदार है। महिलाओं को नारी शक्ति पहचानने की आवष्यकता है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि एक माता- पिता होने का यह कतर्व्य है कि हम अपने बच्चों में ऐसे संस्कार विकसित करे कि वे सदैव महिलाओं का सम्मान करें। इस अवसर पर महिलाओं और किसानों के बीच उनके अधिकारों के संबंध में जागरूकता पैदा करने के लिए व्याख्यान आयोजित किए गए। श्रीमती पंखुडी पाण्डे, उप निदेशक सांख्यिकी एवं कायर्क्रम मंत्रालय ने “एक स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता जरुरी” विषय पर व्याख्यान दिया और 5 वें एसडीजी (सतत विकास लक्ष्यों) के बारे में चचार् की, जो लैंगिक समानता पर ध्यान केंद्रित करता है और साथ ही महिलाओं से संबंधित भारत सरकार की महिला अधिकारों और सशक्तिकरण के विभिन्न पहलुओं पर भी चचार् करता है। डॉ. दीपा गुप्ता, प्रवक्ता, एडम्स गल्सर् इण्टर कॉलेज ने “लैंगिक असमानताएँः कारण और समाधान“ पर एक व्याख्यान दिया, जिसमें अंतरार्ष्ट्रीय महिला दिवस के इतिहास और भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति के विषय में बताया गया। श्रीमती चयनिका साह, संस्थापक, हिल क्राफ्ट एनजीओ, रानीखेत अल्मोड़ा, ने हिल क्राफ्ट की यात्रा के बारे में बात की और महिला सशक्तिकरण पर अपने विचारों से दशर्कों को प्रेरित किया। कायर्क्रम की विशिष्ट अतिथि श्रीमती रोशनी देवी जी को खेती में उनके योगदान और अपने गाँव में सशक्त महिलाओं के प्रतिनिधि के रूप में टूल किट और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। कायर्क्रम का समन्वयन डॉ. अनुराधा भारतीय, कुशाग्रा जोशी और प्रियंका खाती तथा संचालन डॉ. प्रियंका खाती द्वारा किया गया और कुल 67 प्रतिभागियों ने ऑफ़लाइन व लगभग 23 प्रतिभागियों ने ऑनलाइन कायर्क्रम में भाग लिया। कायर्क्रम का समापन डाॅ. अनुराधा भारतीय द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित कर किया गया।