अल्मोड़ा, भारत रत्न पण्डित गोविंद बल्लभ पंत का 135 वां जयंती समारोह जनपद भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर प्रदेश के मंत्री वन एवं तकनीकी शिक्षा , भाषा एवं निर्वाचन सुबोध उनियाल ने जीबी पंत की जन्मस्थली ग्राम खूंट में पहुंचकर पंत जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया एवं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की तथा समस्त जनपद एवं राज्यवासियों को शूभकामनाएं दी। सांसद अजय टम्टा, विधायक मनोज तिवारी, डीसीबी चेयरमैन ललित लटवाल, पूर्व विधायक कैलाश शर्मा समेत अन्य ने भी जीबी पंत की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की । इस अवसर पर मा0 मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि देश को आजाद कराने वाले एवं अपनी मेहनत एवं लगन से देश को राजनैतिक नेतृत्व देने वाले जीबी पंत की जन्म जयंती समारोह में उन्हें आने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि पंत जी के विचारों एवं आदर्शों को हृदय में संजोकर रखना तथा उनका अनुसरण करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि पंत जी अल्मोड़ा ही नहीं बल्कि पूरे देश एवं उत्तराखंड का गौरव हैं। उन्होंने कहा कि देश को आजाद कराने एवं देश को कुशल नेतृत्व देने के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।
इस अवसर पर सांसद अजय टम्टा ने कहा कि पंत जी ने मेहनत एवं कठिन परिस्थितियों के साथ देश को नेतृत्व दिया। उन्होंने कहा कि पंत जी के राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए पंत जी हमेशा याद किए जाएंगे।
तत्पश्चात मा0 मंत्री सुबोध उनियाल ने गोविंद वल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान में आयोजित 28 वें वार्षिक व्याख्यान कार्यक्रम में भाग लिया। यहां मा0 मंत्री सुबोध उनियाल ने अपने संबोधन में कहा कि जल, जंगल, जमीन के पर्यावरणीय संरक्षण में इस संस्थान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य की सफलता के लिए जनभागीदारी का होना आवश्यक है। उन्होंने कहा की जलवायु परिवर्तन विश्व भर के लिए चिंता का विषय है, इस पर हम सभी को मिलकर विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों से निपटने के लिए सभी की भागीदारी होनी चाहिए।
व्याख्यान कार्यक्रम में वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन के खतरों एवं चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही वैज्ञानिकों ने पर्यावरण संरक्षण पर अपने अपने अनुभव एवं विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि भूतपूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक पीआरएल, अहमदाबाद डा. नवीन जुयाल ने “हिमालयी क्षेत्र में अपरिहार्य वायुमंडलीय तापमान वृद्धि, हिममंडल क्षरण और भू-परिदृश्य अस्थिरता” विषय पर संस्थान का 28वां प. गोविन्द बल्लभ पंत स्मारक व्याख्यान प्रस्तुत किया। अपने व्याख्यान में उन्होंने जलवायु परिवर्तन तथा उससे हो रहे प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान में आयी भीषण बाढ़, तथा पिछले कुछ सालों में उत्तराखंड में हो रही प्राकृतिक आपदाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन से हो रहे प्रभाव बहुत चिंता का विषय है। अपने व्याख्यान में उन्होंने हिमालयी क्रायोस्फीयर/हिममंडल, हिमनद स्वास्थ्य का पर्यवेक्षण, प्रचलित जलवायु और तापक्रम वृद्धि की प्रवृतियाँ, जलवायु-हिमनद सम्बन्ध, हिममंडल प्रतिक्रया, ब्लैक कार्बन, हिमालय में हो रहे भूस्खलन और आकस्मिक बाढ़, पैराग्लेशियल जोन और फ़्लैश फ्लड, आवर्ती भूकम्पीयता, वर्षा और बर्फ आधारित जलस्रोत, जलविद्युत परियोजनाओं, कृषि उत्पादकता सहित कई मुद्दों पर विस्तार से वर्णन किया।
इस कार्यक्रम में पद्म श्री प्रो. शेखर पाठक, निदेशक जीबी पंत हिमालय पर्यावरण संस्थान डॉ सुनील नौटियाल, वाइस चांसलर एसएसजे विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा प्रो. एनएस भंडारी समेत अन्य वैज्ञानिक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे। पंडित गोविंद वल्लभ पंत की जन्म जयंती के अवसर पर अल्मोड़ा में भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर प्रातः 7:30 बजे नंदा देवी मंदिर परिसर से पंत पार्क तक स्कूली बच्चों द्वारा प्रभात फेरी निकाली गई तथा विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए गए। मॉल रोड स्थित जीबी पंत पार्क में आयोजित समारोह में नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, जिलाधिकारी वन्दना, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार रॉय, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा, साहित अनेक गणमान्य लोगों ने पंत जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।