राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के निर्देश पर उत्तराखंड के सभी जिलों की पर्यावरणीय योजना बनाई जा रही है इसके अगले चरण में 18 सितंबर  2022 को चमोली ज़िले में जिला सभागार कार्यालय में डीएम  हिमांशु खुराना की अध्यक्षता मैं एक-एक दिन की कार्यशाला संपन्न हुई इसमें जिले के सीडीओ वरुण चोधरी एडीएम अभिषेक त्रिपाठी वन विभाग से डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे, तथा 23 सितंबर को रुद्रप्रयाग के ज़िले में जिला सभागार कार्यालय में डीएम  मयूर दीक्षित की अध्यक्षता मैं एक दिन की कार्यशाला संपन्न हुई इसमें जिले के सीडीओ नरेश कुमार एडीएम  दीपेन्द्र सिंह नेगी वन विभाग से डीएफओ इन्द्र सिंह नेगी तथा दोनो जिलो के विभिन्न विभागों जैसे नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत, एआरटीओ, जल निगम एवं जल संस्थान, और अन्य विभागों  के अधिकारी मौजूद थे।

कार्यशाला में गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल अल्मोड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ जे सी कुनियाल ने बताया कि एनजीटी के निर्देशानुसार राज्य के सभी 13 जिलों की पर्यावरण योजना को ड्राफ्ट के रूप में संपूर्ण कर लिया गया है। ड्राफ्ट रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए उत्तराखंड के अगले चरण मे दोनो जिलो से संबंधित कार्यशाला भी संपूर्ण की गयी जिसमें पर्यावरण योजना को लेकर जिलो में उत्पन्न ठोस, प्लास्टिक, बायो मेडिकल, ई वेस्ट एवं अन्य वेस्ट का प्रबंधन भविष्य में वैज्ञानिक तरीके से कैसे किया जाए इन विषयों पर चर्चा हुई और जिले की पर्यावरणीय योजना को लेकर  जिलाधिकारियों ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि जो भी सूचनाएं शेष है उनको तत्काल अपने डीएफओ के माध्यम से 27 सितम्बर 2022 तक जी बी पंन्त राष्ट्रीय पर्यावरण संस्थान अल्मोड़ा को प्रेषित की जाय ताकि समय पर जिले कि पर्यावरण योजना का कार्य संपूर्ण हो सके।

 

वैज्ञानिक डॉ जे सी कुनियाल जी ने बताया कि गीले कचरे का माइक्रोबियल कंपोस्टिंग के माध्यम से हम कैसे खाद बना सकते हैं उसके बारे में भी उन्होंने विस्तृत रूप से जानकारी दी। 

 

गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के के निदेशक प्रोफेसर सुनील नौटियाल जी ने भी वर्चुअली यह संदेश दिया कि बढती कूड़े की समस्या के निस्तारण में भी ध्यान देना होगा एवं जिलौ में बढ़ती पर्यटकों की संख्या को मध्यनजर रखते हुए सभी नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है