अल्मोड़ा। संवाददाता

    अल्मोड़ा केंद्रीय विद्यालय के छात्र रहे गौरव वर्मा ने फिल्म जगत में काफी नाम कमाया है।

गौरव वर्मा वर्तमान मैं रेड चिलीज एंटर्टेन्मेंट मैं बतोर निर्माता और मुख्य परिचलान अधिकारी (coo) के पद मैं हैं। वो फ़िल्म व्यापार से तक़रेबन २४ वर्षों से जुड़े हुए हैं, इस दौरान उन्होंने सीनेमा के सभी क्षेत्रों जैसे एग्ज़िबिशन, चलचित्र वितरण, क्रीएटिव और निर्माण मैं काम किया है। इन २४ वर्षों में वो १७५ से ज़्यादा फ़िल्मों से जुड़े रहे हैं!

मूल रूप से पिथौरागढ़ निवासी गौरव की प्राथमिक शिक्षा अल्मोड़ा केंद्रीय विद्यालय से हुई है।  जिसके बाद में उन्होंने जूनियर से इंटर तक की पढ़ाई पिथौरागढ़ केंद्रीय विद्यालय से की। स्कूल के बाद, गौरव वर्मा ने दिल्ली विश्व विध्यालय मैं एडमिशन लिया, अपनी ग्रैजूएशन की पढ़ाई के साथ साथ गौरव ने पी.वी.आर. अनुपम, { *जो भारत का पहला मल्टीप्लेक्स था*} में 1997 से 2002 तक नोकरी भी की।  जहां उन्होंने सीनेमा  चलाने, फ़िल्म प्रोग्रैमिंग जैसे कई काम किए, उनका यह समय उनको फ़िल्मों के क़रीब लाता गया। २००२ मैं गौरव ने डी.टी सिनेमाज़ को जोईन किया, यहाँ उनका काम फ़िल्म प्रोग्रामींग जैसे अहम डिपार्टमेंट को हेड करना था। डी.टी.  सिनेमाज़ डी.एल.एफ़. जैसे मज़बूत रियल इस्टेट कम्पनी की एक शाखा थी।

साल २००६ मैं, गौरव को मुंबई की फ़ेम सिनेमाज़ (जो अब आई.एन.ओ.एक्स. का हिस्सा है) वहाँ से नैशनल हेड ओफ़ प्रोग्रैमिंग की ज़िम्मदारी मिली, २००६-२००७ तक का समय गौरव वर्मा ने फ़ेम के साथ बिताया। २००७ मैं पी.वी.आर. अपनी फ़िल्म प्रडक्शन कम्पनी शुरू कर रहे थे, उन्होंने उसमें फ़िल्म वितरण विभाग की  ज़िम्मेदारी गौरव को सोंपी, पी.वी.आर. पिक्चर्स  उस समय ‘तारे ज़मीन पर’ और ‘जाने तू या जाने ना’ जैसे फ़िल्मों का निर्माण आमिर खान के साथ कर रहे थे, ज़रूरी था कि एक अच्छे वितरण के साथ रिलीज़ हो तब ये ज़िम्मेदारी गौरव वर्मा को दी गयी और दोनो फ़िल्में अपार सफल रहीं। इस सफलता ने गौरव को यू. टी. वी. मैं वाइस प्रेसिडेंट की कुर्सी तक पहुँचा दिया, जहां उन्होंने फ़िल्म जगत के माने हुए रॉनी स्क्रूवाला और सिद्धार्थ रॉय कपूर के साथ काफ़ी फ़िल्मों मैं काम किया। यू टी वी को बाद एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी डिज़्नी ने ख़रीद लिया, इस विलय के साथ गौरव के कंधों मैं ६ भाषाओं की फ़िल्मों के वितरण की ज़िम्मेदारी आ गयी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। इस दौरान उन्होंने १२५ फ़िल्मों का पूरे भारत वर्ष मैं  वितरण किया, जिसमें कई नामी फ़िल्में हैं जैसे राजनीति, राउडी रठोर, रेस २, यह जवानी है दीवानी, बर्फ़ी, पान सिंह तोमर, काई पो छे, अवेंजर्ज़, आइरन मैन ३, फ़्रोज़ेन, वेत्ताई (तमिल), ग्रैंड्मैस्टर (मलयालम)।

इसी दौरान ही उनकी मुलाक़ात सूपर स्टार साहरुख़ खान से चेन्नई इक्स्प्रेस के दौरान हुई, चेन्नई इक्स्प्रेस उस समय की सबसे बड़ी फ़िल्म बन के निकली, और यह मुलाक़ात  और चेन्नई एक्सप्रेस की सफलता मैं गौरव का योगदान उनको साहरुख़ खान के रेड चिलीज पर चीफ़ रेवेन्यू ऑफ़िसर के पद पर २०१४ मैं ले आयी, जहां से उनका नया कार्यकाल शुरू हुआ।

रेड चिलीज मैं उनका मुख्य काम बिज़्नेस को देखना था, इस मैं नेटफ़्लिक्ष के साथ स्ट्रीमिंग राइट्स पर उन्होंने रिकॉर्ड डील की, एक और डील जो जी० टी॰वी॰ के साथ TV राइट्स को लेके थी, इंडस्ट्री की सबसे बड़ी डील्ज़ मैं उनका नाम है। इस दौरान हैपी न्यू एयर, दिलवाले, रईस और डियर ज़िन्दगी जैसे फ़िल्मों का बिज़्नेस देखा।

रेड चिल्लीस बिज़्नेस के साथ साथ उनका रुझान क्रीएटिव और फ़िल्म निर्माण की तरफ़ था, और २०१७ ‘इत्तेफ़ाक’ ने उनको पहली बार निर्माता के रोल मैं देखा, यह फ़िल्म धर्मा प्रडक्शंज़ और बी॰आर॰ फ़िल्म्ज़ के साथ बनायी गयी थी। इस फ़िल्म के बाद उन्होंने वेब सिरीज़ ‘बार्ड ओफ़ ब्लड’ एंड फ़िल्म ‘क्लास ओफ़ ८३’ का निर्माण किया, उसके साथ साथ २०१८ की स्लीपर हीट  रही ‘बदला’ के निर्माण मैं योगदान दिया। 

अल्मोड़ा व्यापार मंडलबीके पूर्व जिलाध्यक्ष हरेंद्र वर्मा ने बताया कि गौरव बचपन से कुसाग्र बुद्धि के थे। उनका बचपन से ही पढ़ाई के साथ-साथ फिल्म जगत में भी काफी रूची थी। उन्होंने कहा कि गौरव की आने वाली फ़िल्मों मैं ‘बॉब बिस्वास’, जो दिया घोष द्वारा निर्देशित है, और अभिषेक बच्चन और चित्रांगदा सिंह मुख्य कलाकार हैं, यह फ़िल्म २०२१ मैं सीनेमा घरों मैं रिलीज़ होगी। इसके अलावा ‘लव हॉस्टल’ जिसका निर्देशन शंकर रमन करेंगे और कलाकार हैं विक्रांत मासी, सान्या मल्होत्रा और बॉबी देओल। इस फ़िल्म का निर्माण दृश्यम फ़िल्म्ज़ के साथ किया जा रहा है। आज ही उनकी एक और फ़िल्म ‘डारलिंग्स’ की घोषणा हुई है जो आलिया भट, शेफाली शाह, विजय वर्मा और माशूर मलयाली कलाकार रोशन मैथ्यू के साथ बनायी जाएगी, इसका निर्माण गौरी खान, आलिया भट और गौरव वर्मा करेंगे।