कुछ दिनों पहले नैनीताल हाईकोर्ट के अधिवक्ता प्रभात बोहरा के साथ तत्कालीन पिथौरागढ़ कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रमेश सिंह तंवर द्वारा अभद्रता किए जाने के मामलें में शुक्रवार को सुनवाई हुई। जिसमें कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि जब तक जांच पूरी नही होती, तब तक कोतवाल लाइन हाजिर रहेंगे। वही एसपी सुखवीर सिंह ने  कोतवाल रमेश सिंह तंवर को लाइन हाजिर कर दिया है। वही पूरे मामले की जांच सीओ सीटी को सौंप दी गई है।

उक्त प्रकरण में अधिवक्ता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता प्रभात बोहरा, उसके परिवार और उनकी सम्पति को सुरक्षा देने के आदेश दिए हैं।

29.06.2021 को अधिवक्ता प्रभात बोहरा एक मामले की पैरवी में पिथौरागढ़ कोतवाली गए थे। जहां अधिवक्ता और कोतवाल रमेश सिंह तंवर में कार पार्किंग को लेकर बहस हो गई।जिसमें अधिवक्ता प्रभात बोहरा ने जब कोतवाल से सही ढंग से बात करने को कहा तो उन्होंने उनसे अभद्रता की और उनको गालीगलौच देकर थाने में स्थित अपने कक्ष से धक्के मारकर बाहर कर झूठा मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी।

इस दौरान अधिवक्ता प्रभात बोहरा ने इस पूरी घटना को अपने फोन में रिकॉर्ड कर लिया।जिसके पश्चात अधिवक्ता प्रभात बोहरा ने इस मामले को पिथौरागढ़ पुलिस अधीक्षक के समक्ष रखा। वही पुलिस अधीक्षक सुखबीर सिंह ने मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल कोतवाल रमेश सिंह तंवर को लाइन हाजिर कर दिया।

अल्मोड़ा जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता महेश परिहार, उपाध्यक्ष अधिवक्ता कुंदन लटवाल, सचिव अधिवक्ता भूपेंद्र सिंह मियान, कोषाध्यक्ष अधिवक्ता हिमांशु मेहता, उपसचिव अधिवक्ता दीप चंद्र जोशी ने शासन प्रशासन से मांग की है कि पिथौरागढ के कोतवाल द्वारा हाईकोर्ट नैनीताल के अधिवक्ता के साथ की गई गालीगलौज, अभद्रता और मारपीट की वो घोर निंदा करते है। उन्होंने मांग की है कि अविलंब ऐसे कोतवाल को बर्खास्त किया जाए। वही जिला बार एसोसिएशन अल्मोड़ा के चुनाव समिति के अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता केवल सती एंव सभी सदस्यों ने उक़्त प्रकरण की घोर निंदा की है और इस मामले में तत्काल कार्यवाही की मांग की है। जिसमें जिला बार एसोसिएशन अल्मोड़ा के चुनाव समिति के सदस्य  गोकुल जोशी, कृष्ण सिंह बिष्ट, जगदीश तिवारी, मोहित कपकोटी, नारायण राम आर्य, पुष्पा भण्डारी आदि लोगों ने कठोर कार्यवाही की मांग की है।

वहीं बार एशोसिएशन अल्मोड़ा के पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता शेखर लखचौरा ने भी अधिवक्ता के साथ की गई अभद्रता की कड़े शब्दों में निंदा की है और दोषी कोतवाल के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही करने की मांग की है।

अल्मोड़ा के समस्त अधिवक्ताओं ने भी इस प्रकरण की निंदा करते हुए कहा कि कोतवाल द्वारा ऐसा व्यवहार बेहद अमानवीय है।