जिला कांग्रेस आपसी घमासान एक बार फिर खुलकर सामने आ गया है। कांग्रेस सेवादल के जिला मुख्य संगठन हरीश सिंह बनौला ने प्रेस कान्फ्रेंस का आयोजन करके कांग्रेस जिलाध्यक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ चुनिंदा लोगों की कठपुतली के चलते कांग्रेस संगठक एक व्यक्ति की प्राइवेट पार्टी बनकर रह गई है।
प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि छात्र जीवन से ही वह पूरी तरह कांग्रेस पार्टी के प्रति समर्पित रहे हैं। 2011 में छात्र संघ उपाध्यक्ष के रूप में निर्विरोध निर्वाचित हुए, 2014 में सबसे कम उम्र के ब्लाक प्रमुख बने, एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष रहे, युकां के प्रदेश सचिव बने। बनौला ने कहा कि विभिन्न पदों पर रहते हुए वह वर्तमान में भी प्रदेश मुख्य संगठक सेवादल राजेश रस्तोगी के आशीर्वाद व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की अनुकम्पा से उन्हें अखिल भारतीय राष्ट्रीय सेवादल का जिला मुख्य संगठक बनने का मौका मिला, किंतु कुछ लोगों द्वारा उनके खिलाफ भ्रामक प्रचार कर गलत आरोप लगाये जा रहे हैं। बनौला ने कहा कि उन पर पंचायत चुनाव के दौरान निष्कासित करने का झूठा आरोप भी लगाया गया। उन्होंने जिलाध्यक्ष से सवाल किया कि आखिर निष्कासन से पूर्व उन्हें कारण बताओ नोटिस क्यों नहीं दिया गया। अगर दिया गया है तो उसकी छायाप्रति दिखाई जाये। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी को कमजोर किया जा रहा है तथा कांग्रेस यहां कुछ लोगों की एक निजी प्रापर्टी बन गई है। उन्होंने कांग्रेस जिलाध्यक्ष पीतांबर पांडे पर निशाना साधते हुए कहा कि वह एक व्यक्ति विशेष के दबाव में आकर उन्हें मीडिया के माध्यम से बदनाम कर रहे हैं। जबकि जिलाध्यक्ष पांडे को पता होना चाहिए कि किसी भी संगठन में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति और निष्कासन संगठन के प्रदेश अध्यक्ष के पत्र के आधार पर ही होता है। उन्होंने कहा कि दो साल पहले पीतांबर पांडे ने अपना जिलाध्यक्ष का कार्यकाल पूरा किया। उस समय दोबारा नये जिलाध्यक्ष के चुनाव के बाद इनके द्वारा सड़कों पर उतरकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पर कुबडी दासी शब्द का प्रयोग कर लोगों को भ्रमित किया गया था। जिसका जवाब आज तक उन्होंने नहीं दिया है कि उनके द्वारा किस बड़े नेता पर निशाना साधा गया था। इस अवसर पर उनके साथ अभिषेक बनौला, संजय बाल्मिकी, गिरीश बिष्ट आदि सेवादल के कई पदाधिकारी मौजूद रहे।