जिला बार एसोसिएशन के यथाशीघ्र चुनाव संपन्न की मांग को लेकर तमाम अधिवक्ताओं ने संगठन के अध्यक्ष व सचिव को ज्ञापन सौंपा है। इस बावत एक आम सभा बुलाये जाने की मांग भी की गई है। बार काउंसिल ऑफ उत्तराखण्ड के दिशा—निर्देशेां का भी हवाला देते हुए कहा गया है कि यह चुनाव तो जनवरी माह में भी करा देने के आदेश थे।
ज्ञापन में कहा गया है कि गत वर्ष 18 नवंबर, 2020 को कार्यकारिणी द्वारा बार एसोसिएशन की आम सभा आयोजित की गयी थी। जिसमें आम सभा में उपस्थित अधिवक्ताओं को बार एसोसिएशन द्वारा यह अवगत कराया गया था कि कोविड 19 (कोरोना) महामारी के कारण बार काउंसिल द्वारा चुनाव की अनुमति नहीं दी गई है। जिस पर आप पर विश्वास करते हुए उपस्थित अधिवक्ताओं ने बार काऊंसिल से पत्राचार करने व चुनाव की तैयारियों के लिए बार एसोसिएशन को आवश्यक समय प्रदान करने की सहमति दी थी। जिस पर पदाधिकारियों द्वारा आश्वस्त किया था कि बार काउंसिल से सहमति प्राप्त होते ही फरवरी में पुनः आम सभा आहूत कर फरवरी अंतिम अथवा मार्च प्रारंभ में पुनर्निर्वाचन कराया जाएगा परन्तु आज तीन (03) माह की दीर्घ समयावधि गुजर जाने के पश्चात् भी कार्यकारिणी द्वारा इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई पहल नहीं की गई है। जबकि चुनाव कराए जाने हेतु बार काउंसिल ऑफ उत्तराखण्ड द्वारा जनवरी प्रारंभ में ही पत्र के माध्यम से स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किये गये हैं व अनुमति प्रदान की गई है। अतएव सभी अधिवक्तागण बार एसोसिएशन कार्यकारिणी से मांग करते हैं कि शीघ्रातीशीघ्र इस महत्वपूर्ण बिन्दु पर आम सभा की बैठक आहूत कर यथाशीघ्र बार एसोसिएशन कार्यकारिणी हेतु निर्वाचन सम्पन्न करा लिया जायें। ज्ञापन में अधिवक्ता एचएस डोबाल, डीडी शर्मा, शुभांशु रौतेला, पूर्व उप सचिव कविन्द्र पंत, हरीश चिलवाल, एनके जोशी, घनश्याम जोशी, केवल सती, विनोद जोशी, मोहन सिंह बिष्ट, मनोज दुर्गापाल, डॉ. निलिमा तिवारी, जेएस रौतेला, गजेंद्र सिंह मेहता, जीवन चंद्र गुप्ता आदि के हस्ताक्षर हैं।