न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अल्मोड़ा रिंकी साहनी की अदालत ने अभियुक्त प्रकाश राम उर्फ पप्पू को उसके विरुद्ध आरोपित अपराध दण्डनीय अन्तर्गत धारा 323, 354क (i), 504, 506 भारतीय दण्ड संहिता से एवं अभियुक्ता जमुना देवी को उसके विरुद्ध आरोपित अपराध दण्डनीय अन्तर्गत धारा 323, 504, 506 भारतीय दण्ड संहिता से दोषमुक्त किया गया है। जिसमें अधिवक्ता दीप चन्द्र जोशी अधिवक्ता भगवत मेर अधिवक्ता कृष्णा चन्द्र बाराकोटी अधिवक्ता विक्रांत भटनाकार अधिवक्ता पंकज बजेठा अधिवक्ता सुनील कुमार ग्वाल ने पैरवी की।

ये है मामला-

इस संबंध में रिपोर्टर द्वारा अभियुक्तोगणों पर यह आरोप लगाया गया कि 11-07-2022 को अभियुक्त उसके घर घुसे और वादी की पुत्री के साथ अश्लील हरकतें की। वादी / पी.डब्ल्यू-2 राजेन्द्र राम को न्यायालय के समक्ष परीक्षित कराया गया है किन्तु उक्त साक्षी द्वारा स्वयं अपनी मुख्य परीक्षा में अभियुक्तगण द्वारा उसके अथवा उसके पुत्र के साथ दिनांक 11.07.2017 को किसी भी प्रकार की मारपीट किये जाने का कोई भी कथन नहीं किया गया है। इसके अतिरिक्त यह तथ्य भी प्रासंगिक है कि उक्त साक्षी द्वारा अपने साक्ष्य में घटना के समय उसके दोनों पुत्रों का घर पर उपस्थित न होने का कथन करते हुए अपने दोनों पुत्रों सुरेन्द्र व प्रकाश को फोन से उक्त घटना के सम्बन्ध में जानकारी देने तथा उसके दोनों पुत्र का दिनांक 12.07.2017 को घर वापस आने के सम्बन्ध में कथन किया गया है। इस प्रकार स्वयं उक्त साक्षी द्वारा दिनांक 11.07.2017 की दिनांक को उसके दोनों पुत्रों के घर पर उपस्थित न होने के सम्बन्ध में साक्ष्य प्रस्तुत किया गया, जिस कारण उक्त साक्षी के साक्ष्य से अभियोजन कथानक समर्थित नहीं होता है। इसके अतिरिक्त अभियोजन पक्ष की ओर से पी. डब्ल्यू 5 सुरेन्द्र कुमार को भी न्यायालय के समक्ष परीक्षित कराया गया है, जिसके द्वारा भी अपनी मुख्य परीक्षा में अभियुक्तगण द्वारा दिनांक 11.07.2017 को उसके अथवा उसके पिता के साथ मारपीट किये जाने के सम्बन्ध में कोई भी कथन नहीं किया गया है तथा अपनी प्रतिपरीक्षा में दिनांक 11.07.2017 को उसके भाई प्रकाश कुमार के उस दिन घर पर नहीं होने के सम्बन्ध में कथन करते हुए यह भी कथन किया गया है कि घटना के 15-20 दिन बाद प्रकाश कुमार घर पर आया था इस प्रकार पी.डब्ल्यू-2 श्री राजेन्द्र राम व पी.डब्ल्यू-5 श्री सुरेन्द्र कुमार के साक्ष्य में भी घोर विरोधाभास है, जिस कारण उपरोक्त साक्षीगण का साक्ष्य विश्वसनीय प्रतीत नहीं होता है।


अभियुक्तगण द्वारा वादी व उसके पुत्र के साथ मारपीट किये जाने का कथन नहीं किया गया है, जिस कारण अभियोजन का यह कथानक सिद्ध नहीं होता है कि दिनांक 11.07.2017 को अभियुक्तगण द्वारा वादी व उसके पुत्र के साथ मारपीट की गई थी अतः उक्त तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्तगण प्रकाश राम उर्फ पप्पू एवं जमुना देवी, उन पर आरोपित अपराध अन्तर्गत धारा 323 भा०द०सं० के अपराध से दोषमुक्त किये जाने योग्य हैं।