गत 20 वर्षों से सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में छंजर सभा साहित्य की ज्योति अनवरत रूप से जलाए हुए हैं। छंजर सभा प्रत्येक महीने के अंतिम शनिवार को नवयुवक कला केंद्र, त्रिपुरा सुन्दरी मन्दिर, अल्मोड़ा में आयोजित की जाती रही है, और बीते 20 वर्षों से इस काव्य गोष्ठी का ये क्रम आज तक नहीं टूट पाया था। यह अनवरत क्रम वर्तमान में देश में प्रभावी लॉक डाउन के कारण ना टूटने पाए, इस उद्देश्य से छंजर सभा के साथ जुड़े हुए समस्त साहित्यकारों द्वारा इस माह की काव्य गोष्ठी, छंजर सभा के व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से किए जाने का निर्णय लिया गया। साहित्यकारों ने इस बार विशेष रूप से वर्तमान में प्रभावी कोरोना महामारी से संबंधित रचनाएं सभा के समक्ष प्रस्तुत करते हुए उत्तराखंड में हो रहे पलायन एवं विभिन्न सम-सामयिक मुद्दों पर भी अपनी-अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। सम्पन्न काव्य गोष्ठी में कृष्णा लटवाल “सुमन”, मीनू जोशी, धारा बल्लभ पांडे, डी0एस0 बोरा, मनीष तिवारी “नमन”, ललित जोशी “योगी”, प्रेमा गड़कोटी, दीपा गुप्ता, नीरज पन्त, राजू पन्त, मोती प्रसाद साहू, रमेश लोहमी, दिवा भट्ट, श्याम सिंह कटौला आदि साहित्यकारों द्वारा अपनी-अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की गईं। अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं रंगकर्मी त्रिभुवन गिरी महाराज एवं संचालन मनीष पन्त द्वारा किया गया। व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से आयोजित यह कार्यक्रम अपने आप में अनूठा प्रयास है। विषम परिस्थितियों में साहित्यकारों की सोच फिर समाज का मार्गदर्शक बन गई।